रिश्तों को रिचार्ज करें इस भाई दूज पर

नई दिल्ली। रिश्तों को रिचार्ज करें इस भाई दूज पर।16 नवंबर 2020 (सोमवार) को भाई दूज है। ये भाई-बहन के प्रेम और मजबूत संबंध का त्योहार है। इस दिन बहनें, भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। साथ ही अपने भाइयों के उज्जवल भविष्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं।

यम द्वितीया (Yam Dwitiya) भी कहते हैं

भाई दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन मृत्‍यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है। यह पर्व भाई-बहन के स्नेह, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और उनकी समृद्धि की कामना करती है। भाई दूज, जिसे ‘भबीज’, ‘भाई टीका’ और ‘भाई फोंटा’ के नाम से भी जाना जाता है।

 

कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे चंद्र दिवस

कार्तिक के हिंदू महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे चंद्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर हिंदू धर्म में मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए। यमुना ने कई बार यमराज को बुलाया था, लेकिन वह उन्हें दर्शन देने में असमर्थ थे। एक बार जब यमराज ने यमुना का दौरा किया, तो उनका बहुत प्यार और सम्मान के साथ स्वागत किया गया। यमुना ने अपने माथे पर तिलक भी लगाया। इतना प्यार पाने के बाद यमराज ने यमुना से वरदान मांगने को कहा। बहन ने यमराज को हर साल एक दिन चिह्नित करने के लिए कहा जहां वह उसे देखने जाएंगे।

भाई दूज के कई क्षेत्रीय नाम

उत्तर भारत में, इसे आमतौर पर ‘भैया दूज’ के रूप में जाना जाता है। और दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। नेपाल में, इसे ‘भाई टीका’ कहा जाता है। इसे पश्चिम बंगाल में ‘भाई फोंटा’ के नाम से जाना जाता है। दक्षिण में, जहां इसे ‘यम द्वितीया’ के रूप में मनाया जाता है, इसे ‘भाई बीज’, ‘भतरु द्वितीया’, ‘भृत्य दैत्य’ या ‘भोगिनी हस्त भोजमुम’ के नाम से जाना जाता है।

भाई को प्रेमपूर्वक तिलक

भाई दूज भारत के साथ साथ नेपाल में भी मनाया जाता है। दीपावली त्योहार के बाद यह भाई दूज पर्व मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह पर्व कार्तिक के महीने में मनाया जाता है। इस दिन को रक्षाबंधन के तरह ही मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर भाई अपनी बहनों को कई उपहार देते हैं और बदले में बहनें अपने भाईयों की लाभ आयु की कामना करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.