नई दिल्ली। ब्रिटानिया मारी गोल्ड ने आज एक वर्चुअल फिनाले आयोजन में अपनी वार्षिक महिला उद्यमशीलता पहल- ब्रिटानिया मारी गोल्ड माय स्टार्ट अप कैंपेन के दस विजेताओं की घोषणा की। ब्रिटानिया मारी गोल्ड गृहिणियों के लिए 60 साल से भी ज्यादा पुराना और सबका पसंदीदा ब्रांड है। यह भारत में तीसरा सबसे बड़ा बिस्किट ब्रांड है। इस पहल के अंतर्गत, 10 विजेताओं को सम्मानित किया गया और हरेक को अपना कारोबार शुरू करने के लिए दस लाख रुपये की राशि दी गई। ब्रिटानिया मारी गोल्ड माय स्टार्ट अप आकांक्षी गृहिणियों के लिए एक प्लेटफॉर्म है, जो उद्ममशीलता से जुड़े उनके सपनों को ईंधन देता है, उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाता है और उन्हें रोजगार देने वालों में बदलता है।
वित्तीय सहायता के अलावा, ब्रिटानिया मारी गोल्ड माय स्टार्ट अप कैंपेन का मौजूदा संस्करण नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के साथ साझेदारी में भारत का पहला, विशिष्ट रूप से निर्मित ऑनलाइन कौशल विकास कार्यक्रम चला रहा है, जो 10,000 गृहिणियों को प्रशिक्षित करता है। यह ऑनलाइन पाठ्यक्रम घरेलू महिलाओं को आवश्यक उद्ममशीलता-कौशल प्रदान करता है और उनके आत्म-विश्वास को बढ़ाता है, जिससे वे आत्म-निर्भर भविष्य की ओर अपना पहला कदम बढ़ाते हैं। ब्रिटानिया को पूरा भरोसा है कि कौशल विकास प्रशिक्षण से गुजरने वाली ज्यादातर महिलाएं उद्ममी बनने की दिशा में बढ़ेंगी।
फरवरी, 2020 में इसका दूसरा संस्करण शुरू हुआ। इस संस्करण ने तीन महीने के समय में, पूरे देश से 15 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त किए और 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से इसमें जबर्दस्त भागीदारी देखने को मिली। टेलीफोन कॉल, वेब और व्हाट्सअप के माध्यम से एंट्रीज खुली रहीं। 25 प्रतिशत से अधिक आवेदन व्हाट्स अप के जरिये आए। बाहर से बुलाए गए ज्यूरी के कई हफ्तों के विचार-विमर्श के बाद, जिन्होंने लाखों आवेदन निरस्त भी किए, ब्रिटानिया मारी गोल्ड टीम ने 50 फाइनलिस्ट को चुना।
पूरे देश में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जा रहा है, ऐसे में कंपनी ने डिजिटल फिनाले करने का फैसला लिया, जहां देश भर के सभी फाइनलिस्ट अपने घरों से ही ज्यूरी के समक्ष पेश हुए। इस ज्यूरी में उद्ममी, मीडियाकर्मी और ब्रिटानिया की चुनिंदा नेतृत्व टीम शामिल थी। यह सम्मान समारोह पूरी तरह से डिजिटल रहा, जो कंपनी, ब्रांड और ग्राहकों के लिए एक सशक्त उदाहरण भी था कि कैसे नए नॉर्मल को सहजता से अपनाया गया है।
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चीफ कॉमर्शियल ऑफीसर श्री गुंजन शाह ने कहा, ‘यह हमारे प्रतिष्ठित ब्रांडों में से एक ब्रिटानिया मारी गोल्ड द्वारा संचालित एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है। अपने मौजूदा संस्करण में, इस पहल ने 10,000 महिलाओं और उनके परिवारों की जिंदगियों को छुआ है और हम ऐसा करके गर्व का अनुभव कर रहे हैं। ब्रिटानिया आकांक्षी महिला उद्यमियों के लिए एक मंच उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है कि वे अपनी उद्मशीलता यात्रा शुरू करने के लिए अपने कारोबारी विचार पेश करें, वित्तीय सहायता पाने का मौका पाएं और कौशल विकास हासिल करें।’
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मार्केटिंग हेड श्री विनय सुब्रमण्यिम ने कहा, ‘उद्ममी बनने से पुरस्कार विजेता गृहिणियों को रोजगार पैदा करने में भी मदद मिलती है, जिससे कई जिंदगियां बदल सकती हैं। एक सफल महिला उद्ममी कई के लिए अवसरों की खिड़कियां खोल देती हैं, और पिछले साल की विजेताएं यह साबित कर चुकी हैं। हमें खुशी है कि इस पहल के जरिये उद्ममशीलता संसार को दस नए होमप्रेन्योर्स दे रहे हैं और 10,000 घरेलू महिलाओं को हुनरमंद बना रहे हैं, ताकि वे अपनी उद्ममशीलता यात्रा को सशक्त कर सकें। हमारा मानना है कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो जाती हैं, तो पूरा परिवार, समाज और अंततः पूरा देश आगे बढ़ता है।’
देशभर से ब्रिटानिया मारी गोल्ड माय स्टार्ट अप इनीशिएटिव 2.0 की 5 उद्यमी महिलाएं
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बिहार के पटना की शहनाज़ तबस्सुम एक रिफ्लेक्सोलॉजी सेल्फ ट्रीटमेन्ट एंड ट्रेनिंग सेंटर शुरू करने की योजना बना रही हैं। इस आइडिया के पीछे समाज पर एक बड़ा और सकारात्मक प्रभाव डालने का विचार है और इस बिजनेस का मुख्य आइडिया है ‘‘रोकथाम उपचार से बेहतर है’’। यह सेंटर पारंपरिक समग्र उपचार पर केन्द्रित होगा और महिलाओं को प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा, ताकि उनके सपने पूरे हों और वे अपनी पहचान बना सकें। इस सेंटर के माध्यम से शहनाज़ अपने सैकड़ों कर्मचारियों और ट्रेनर्स को स्थायी आमदनी प्रदान करना चाहती हैं ।
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जमशेदपुर, झारखण्ड की रागिनी कुमारी ने एक फ्लावर प्लांटेशन शुरू करने की योजना बनाई है और वे अन्य इको-फ्रैंडली उत्पादों का भी उत्पादन करना चाहती हैं। वर्तमान में अंकुर प्लास्टिक के कप/पॉट में तैयार किये जाते हैं, जिन्हें बाद में फेंक दिया जाता है और यह पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुँचा सकते हैं। रागिनी के बिजनेस आइडिया में गाय के गोबर के पॉट्स का उपयोग करने की योजना है, जो इको-फ्रैंडली होंगे और प्राकृतिक खाद बन जाएंगे, जिससे पौधों को विकसित होने में मदद मिलेगी। पॉट्स के अलावा गाय का गोबर जलाऊ लकड़ी बनाने के काम भी आ सकता है, जिससे पेड़ों की कटाई कम होगी। यह बहुत सस्ते में उपलब्ध हो जाता है और बाजार में इसके लिये बड़ा अवसर है।
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दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल की शिखा डे सीड कैपिटल का उपयोग एक बायोफ्लॉक फिश फार्म शुरू करने के लिये करेंगी। भारत में बायोफ्लॉक फिश फार्मिंग का उद्योग बढ़ रहा है, जिसमें मछली पालन पारंपरिक तालाब के बजाए आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर इनडोर किया जाता है। शिखा के व्यवसाय में छोटी मछलियों को पालकर बड़ा किया जाएगा और फिर स्थानीय बाजारों तथा भारत के अन्य राज्यों में बेचा जाएगा।
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जोरहट, असम की एलाक्षी फुकान जीत की राशि का उपयोग अपनी खुद की होममेड केक्स एंड असमी स्वीट्स कैटरिंग सर्विस स्थापित करने में करेंगी। एलाक्षी को बेकिंग का जुनून है, उन्हें बेकिंग हमेशा से पसंद रही है और वे पारंपरिक असमी मिठाइयाँ भी बनाती हैं, जो शुगर-फ्री होती हैं। उन्हें यह अहसास हुआ कि शुगर-फ्री रेसिपीज की पेशकश करने वाले बेकर्स और कैटरिंग सेवाओं की कमी है, इस कारण उनका आइडिया सफल होगा।
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अंबाला, हरियाणा की दीपाली बंसल एक वेजीटेबल एंड फ्रूट सैनिटाइजर का उत्पादन करना चाहती हैं, जो फलों और सब्जियों से धूल/कीटनाशक/बैक्टीरिया/वायरस हटाएगा। वर्तमान वैश्विक स्थिति में हाइजीन सभी की प्राथमिकता बन चुका है और कई लोग दावा करते हैं कि ऑर्गेनिक उत्पाद अधिक सुरक्षित होते हैं, लेकिन हर कोई उनका खर्च नहीं उठा सकता और वे कितने सुरक्षित हैं, इसकी कोई गारंटी भी नहीं है। दीपाली प्राकृतिक चीजों से बनाए गए उत्पाद के साथ आईं, जो कीटाणुओं को धो देता है और खाने की चीजों को हेल्दी बनाता है।