चिदम्बरम चार दिन और सीबीआई के मेहमान

नई दिल्ली / टीम डिजिटल। पूर्व गृहमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम को कोर्ट से राहत नहीं मिली बल्कि कोर्ट ने उन्हें चार दिन के रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया । इससे यह भी कह सकते हैं कि चिदम्वरम चार दिन और सीबीआई के मेहमान रहेंगे और सवाल जवाब का सीरियल जारी रहेगा।

पहली रात चिदम्बरम सोये भी नहीं । खाना भी नहीं खाया । कोर्ट में भी खडे रहे । होता है । ऐसा होता है । मंथन चल रहा होगा मन ही मन । क्या खोया , क्या पाया ? क्या करना था , क्या हो गया ?

भाजपा नेता व गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने अंतिम दिनों में बहुत शानदार ट्वीट किया था । कैसे सारी जिंदगी राजनीतिक चाल चलने में बिता दी । जो समय परिवार को देना था वह समाज और राजनीति को दिया । यानी जब कभी परिवार के साथ खुशी के कुछ पल गुजारने का मौका आने वाला था तब राजनीति की जरूरत के मुताबिक जिंदगी जी । सच ही तो कहा ।

राजनेता अगर लाखों करोडों कमाते हैं या कमाने की कोशिश करते हैं तो किसके लिए ? क्या कम से गुजारा नहीं होता ? इतनी बडी बडी राशि के बारे में सोच कर हैरानी होती है । क्या तब भी सुकून माल पाया ? नहीं । सीबीआई और कोर्ट के चक्कर लगते हैं नेताओं के । चाहे किसी भी राजनेता की बात करें । कहीं न कहीं यही सुनने को मिलता है कि दाग अच्छे हैं । बिना दाग के कैसे नेता ?

आखिर चिदम्बरम ही नहीं और लोग भी हैं कतार में । सवाल उठता है कि क्या राजनीति और सादगी का रिश्ता खत्म हो चुका है । सुनता हूं कि हिसार के सांसद कृष्णकांत कुछ छोटी सी रकम का मिलान न होने पर परेशान हो गये थे चुनाव खर्च को लेकर । जब तक वह राशि वापस भिजवा नहीं दी तब तक चैन नहीं मिला था । अब शायद उल्ट हो चुका है जब तक तिजोरियां भर नहीं जातीं तब तक नींद कहां और चैन कहां ? कौन वापस लायेगा वे अच्छे दिन ?
कमलेश भारतीय , वरिष्ठ  पत्रकार    

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