इस कांग्रेस का क्या होगा ?

 

नई दिल्ली।  सन् 1885 में एक अंग्रेज ए ओ ह्यूम की ओर से गठित कांग्रेस का अब क्या होने वाला है ? पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ही भारत को कांग्रेस मुक्त बनाने का नारा देते रहे लेकिन फिर झारखंड , राजस्थान, पंजाब और कुछ अन्राय ज्यों में कांग्रेस की वापसी पर चुप लगा गये । लगा था कि कांग्रेस वापसी कर रही है । अब दिल्ली में जिस तरह से दूसरी बार कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ है उससे फिर सवाल उठा है कि इस कांग्रेस का आखिर होगा क्या ?

सबसे पुरानी पार्टी और दिल्ली में लगातार पंद्रह वर्ष राज करने वाली पार्टी को एक भी सीट न मिलना सवाल तो उठेंगे ही । लोकसभा चुनाव में दिल्ली से कोई सीट भले ही न मिली हो लेकिन वोट प्रतिशत तो बढ़ा था । इस बार तो भाजपा की तरह खुश होने को वोट प्रतिशत भी नहीं बढ़ा । धरातल या रसातल में मिल गयी कांग्रेस । दिल्ली का रोना क्या रोना मध्यप्रदेश में क्या हो रहा है ? अपने राज में खुद ज्योदिरादित्य सिंधिया क्या क्या कह रहे हैं ? अगर संकल्प पत्र पर मुख्यमंत्री कमलनाथ खरे नहीं उतरे तो वे सड़कों पर उतरेंगे ।

कमलनाथ ने मनाने की कोई कोशिश न कर कह दिया कि उतर जाओ मेरी बला से । यानी कोई मान मनोबल या प्यार मुहब्बत की बात नहीं । जैसे किसी विरोधी नेता को जवाब दिया हो । राजस्थान की ओर आइए । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट में भी कोई मधुर संबंध नहीं । ये वे राज्य हैं जिन्हें जीतने के बाद खांग्रःस की वापसी की उम्मीदें बढ गयी थीं । पंजाब आ जाइए । वहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और क्रिकेटर नवजोत सिद्धू आमने सामने तलवारें लिए खड़े हैं । इनकी पत्नी नवजोत कांग्रेस छोड़ चुकी हैं और क्रिकेटर कोप भवन में पड़े हैं और सही टाइमिंग की इंतजार में हैं । कभी भी किसी दूसरी पार्टी में देखे जा सकते हैं । हो सकता है बाबू लाल मरांडी की तरह भाजपा में घर वापसी ही कर लें । क्या कहा जा सकता है ? हरियाणा में देखिए क्या हुआ था ? प्रदेशाध्यक्ष पद से हटते ही अशोक तंवर उग्र हो उठे और सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर जो प्रदर्शन किया वह तो कभी कोई अध्यक्ष नहीं करता । फिर त्यागपत्र दे दिया ।

आजकल कांग्रेस की दिल्ली की हालत देख कर कह रहे हैं कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाते लोग कहने लगे हैं कि मीटर पर कांग्रेस यानी जीरो देख लेना । यह सम्मान एक पूर्व अध्यक्ष दे रहा है । और नयी पार्टी बनाने की चर्चा जोरों पर हैं । जैसे कभी झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री जोगी ने बना ली थी ।

इन सब बातों और घटनाक्रम को देखकर पूछा जा सकता है कि कांग्रेस का क्या होने वाला है ? आप की सफलता की खुशी कांग्रेस मनाने लगी तो शर्मिष्ठा ने पूछ ही लिया कि क्या भाजपा को हराने का ठेका आपने प्रदेश स्तरीय दलों को दे दिया क्या ? वैसे ह्यूम के बाद आज एक विदेशी महिला सोनिया गांधी के हाथ में कमान है । देखिए ।
-कमलेश भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार 

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