बिहार प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर : उद्योग मंत्री

नई दिल्ली।  भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2018, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में धूम-धाम से बिहार दिवस का आयोजन किया गया। बिहार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने फीता काटकर बिहार पैविलियन का उद्घाटन किया एवं दीप प्रज्जवलन कर समारोह की शुरूआत की। इसके पश्चात मंत्री श्री सिंह ने सभी स्टॉल पर जाकर बिहार के स्टार्ट-अप एवं कला-संस्कृति को देखा। इसके पश्चात उन्होंने सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया।

इस अवसर पर मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इस बार भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का नाम (रूरल इन्टरप्राइजेज इन इंडिया) थीम के रूप में आई0टी0पी0ओ0 के द्वारा रखा गया है। इसी के अनुसार बिहार पवेलियन को सजाया-सवारा गया है। इसमें स्वयं सहायता समूह के 05 उद्यमियों को, जिसमें मधुबनी पेंटिंग, मंजुषा पेंटिग, सिक्की आर्ट, टेराकोटा, टिकुलीआर्ट का दुकान सजाया गया है। इसके अलावा दो हैण्डलूम सिल्क का दुकान है। मंडल के बीचो-बीच मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा, टिकुलीआर्ट का लाइट डेमो किया जा रहा है जो मंडप का मुख्य आकर्षण है। मंडप के बाहर चारों कलाओं को सजाया गया है जो काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार राज्य के समावेशी आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यद्यपि यह राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है, परन्तु राज्य के समावेशी आर्थिक विकास में द्वितीयक प्रक्षेत्र अर्थात उद्योगों का योगदान समान रूप में महत्वपूर्ण है, अतः इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। राज्य में निवेश के वातावरण में अग्रेतर सुधार हेतु राज्य सरकार द्वारा अनेक पहल किया गया है तथा 15 प्रतिशत वार्षिक औद्योगिक विकास दर लक्षित किया गया है। माननीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इसका तात्पर्य राष्ट्रीय उत्पादकता नीति एवं ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में द्वितीयक प्रक्षेत्र के योगदान को 25 प्रतिशत से अधिक किया जाना है।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बिहार भारत के सबसे तेजी से विकास कर रहे राज्यों में से एक है। वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक की अवधि में बिहार के जी0एस0डी0पी में वार्षिक 10.5 प्रतिशत की दर से निरंतर वृद्धि हुई है, जो कि महत्पूर्ण भारतीय राज्यों में सर्वाधिक है। बिहार में पिछले कुल वर्षों में आर्थिक परिवर्तन की गति एवं पैमाने में वृद्धि देखी गयी है जो सरकार द्वारा शुरू की गई व्यापक घरेलू सुधार कार्यक्रम का परिणाम रहा है। इसमें सार्वजनिक वित के प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के निर्माण और सबसे महत्पूर्ण बात कानून एवं व्यवस्था की मशीनरी में सुधार एवं सरकारी व्यय के साथ सार्वजनिक निवेश के सुधार में परिवर्तन रहा है। इन सभी परिवर्तनों ने राज्य में निजी निवेश एवं अधिक से अधिक अद्योग प्रतिबद्धता के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान औद्योगिक नीति के माध्यम से राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाने एवं महत्वपूर्ण क्षेत्र में अधिकतम निवेश करने के लिए कार्यक्रम लागू किया जा रहा है जिसमें विशेष रूप से प्रमुख क्षेत्रों यथा खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, छोटी मशीनरी उत्पादन, आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विनिर्माण, वस्त्र, प्लास्टिक एवं रबर, अक्षर ऊर्जा, चमड़ा एवं तकनीकी शिक्षा प्रक्षेत्र शामिल है। इसका मुख्य उदेश्य राज्य भर में उद्योगो की स्थापना के साथ राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के महत्तम मूल्य संवर्धन एवं राजस्व पैदा करना तथा रोजगार सृजन करना है। इस नीति का मसौदा विभिन्न उद्योग संघो, उद्योगों के प्रतिनिधियों, निवेशक, विषय विशेषज्ञों के साथ गहन बातचीत एवं उनके विचार को समायोजित करने के उपरांत तैयार किया गया है। यह उम्मीद है कि इस नीति के कार्यान्वयन से राज्य के औद्योगीकरण के साथ रोजगार सृजन और समग्र विकास होगा।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बिहार प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। विकास के सभी क्षेत्रों में हम लोग तीव्र गति से आगे बढ रहे है। इस अवसर पर स्थानिक आयुक्त, बिहार विपिन कुमार, उद्योग निदेशक एवं अन्य भी उपस्थित थे।

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