नई दिल्ली। अर्थव्यस्था के मोर्चे पर मंगलवार को मोदी सरकार को राहत की खबर मिली है. दिसंबर में विनिर्माण गतिविधियों की वृद्धि दर पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा हो गई है. देश में विनिर्माण सेक्टर की विकास दर को मापने वाला मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) पिछले महीने बढ़कर 54.7 हो गया. नवंबर में यह 52.6 पर था.निक्केई इंडिया द्वारा तैयार होने वाले इस सूचकांक में 50 से ज्यादा का स्तर इस सेक्टर के सकारात्मक विकास को बताता है. अगस्त से यह सूचकांक लगातार पांचवें महीने 50 के पार रहा है. जानकारों के अनुसार इसका मतलब यह हुआ कि विनिर्माण सेक्टर अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. दिसंबर में भी अच्छी मात्रा में नए आॅर्डर मिले हैं जिससे इस सेक्टर का माहौल और बेहतर हुआ है.
इस सर्वेक्षण के अनुसार पिछले महीने विनिर्माण सेक्टर के सभी तीन स्तरों-उपभोक्ता, मध्यवर्ती और निवेश-में बहुत अच्छी तरक्की देखी गई है. इसके अनुसार इन दिनों घरेलू और विदेशी बाजारों में मांग लगातार मजबूत हो रही है. इसमें हालांकि यह कहा गया है कि पिछले साल जुलाई में वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी लागू होने के बाद कच्चे उत्पादों के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है.इससे पहले सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2017 में देश के आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर पिछले 13 महीनों में सबसे ज्यादा रही थी. देश के औद्योगिक सेक्टर में 41 फीसदी का योगदान करने वाले इन उद्योगों की विकास दर नवंबर में 6.8 फीसदी रही है. जानकारों के अनुसार यह खबर भी आर्थिक प्रदर्शन को लेकर चिंतित मोदी सरकार के लिए काफी राहत भरी है.