नई दिल्ली। नवरात्र में अष्टमी एवं नवमी पर कन्या पूजन का विधान है। कन्या पूजन दरअसल शक्ति उपासना का परिचायक है। बदलते वक्त में, खासकर आज की दुनिया में जब दुनिया डिजिटली जेंडर-डिवाइड है, तो शक्ति उपासना के मायने तभी हैं, जब आप कन्या पूजन के बजाय कन्याओं को शिक्षित करने का, उन्हें तकनीकी शिक्षा देने का प्रण लें। नारायणा क्षेत्र में सेवा बस्तियों की बच्चियों की मुफ्त शिक्षा पर काम कर रही ओम फाउंडेशन की अध्यक्ष सूर्यपुत्री रश्मि मल्होत्रा ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने बताया कि जरूरी नहीं कि देवी पूजा के लिए व्रत-उपवास जैसे कर्मकांड ही किए जाएं, आप जरूरतमंद लड़कियों की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद करके, उनकी ट्रेनिंग का जिम्मा उठाकर भी वही पुण्य कमा सकते हैं, जो कन्या पूजन करके कमाना चाहते हैं। रश्मि मल्होत्रा ने आगे कहा कि नवरात्र में कन्या पूजन से ज्यादा जरूरी है जरूरतमंद लड़कियों को कॉपी, किताब, कपड़े, धन और जरूरत की अन्य चीजें दी जाएं, ताकि कोरोना-काल में उनकी सच्ची मदद हो। दरअसल, लड़कियों की सुरक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर मदद करना ही माता दुर्गा की सच्ची आराधना होगी। ऐसा करने से ही शक्ति पूजा का विशेष फल मिल पाएगा।