जस्टिस रंजन गोगोई ने कैलाश सत्यार्थी की पुस्ततक का किया लोकार्पण

 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रंजन गोगोई ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की पुस्तक एवरी चाइल्डश मैटर्स का कांस्टिलट्यूशनल क्लब के स्पीकर हॉल में लोकार्पण किया। पुस्तक लोकार्पण के बाद नोबेल विजेता सत्यार्थी से पत्रकार शेखर गुप्ता ने पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर लंबी बातचीत भी की।
इस लोकार्पण के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि यह किताब एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल उठाती है कि क्या हरेक बच्चा हमारे लिए मायने रखता है। इसका जवाब ”हां” में है। यह बात अब किसी से छुपी हुई नहीं है कि हमारी न्यायिक प्रक्रिया काफी लंबी चलती है। लेकिन बच्चों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की जरूरत होती और अब हम इसके लिए इंतजार नहीं कर सकते हैं। बाल दुर्व्यारपार को खत्म करने के लिए सामाजिक और राजनीतिक इच्छाशक्ति की बहुत ही जरूरत है। यह इच्छा शक्ति जितनी ज्यादा होगी, हमारे बच्चे उतने ही जल्दी स्वतंत्र होंगे।
लोकार्पण समारोह में कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि अगर हम सत्यउ, अहिंसा, न्याय और शांति के साथ जीना चाहते हैं तो हमारे लिए हरेक बच्चाा और हरेक शब्द मायने रखता है। लेकिन आज हमें यह देखने को मिल रहा है कि मानवीयता और करुणा के अभाव में शब्द अपने अर्थ खोते जा रहे हैं और बचपन सिसक रहा है। मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि भय के व्याप्त अंधेरे को दूर करने के लिए आशा की किरण पैदा कर सकूं। बच्चों के लिए मैं जब लिखता हूं, तो चाहता हूं कि उस पर अमल की कार्रवाई भी हो। इसीलिए मेरे आलेख जल्द से जल्द कार्रवाई की जरूरत पर बल देते हैं और ये उसी की अभिव्यक्ति हैं। मेरा लेखन मेरे संघर्ष का प्रतिबिम्ब है।
आयोजक प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार ने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमने कैलाश सत्यार्थी की किताब को प्रकाशित किया है। बच्चों के अधिकारों के लिए सतत संघर्ष करने वाले वे हमारे समय के चैम्पियन हैं।

 

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