दादा और पोते की जंग खिलायेगी कोई गुल ?


नई दिल्ली।
हरियाणा के दादा और पोते के बीच जंग क्या कोई गुल खिलायेगी ? पहले दादा और पोते को तो जान लीजिए । दादा हैं नारनौंद से जजपा विधायक रामकुमार गौतम और पोते हैं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला । दादा का कहना है कि हमने पार्टी खड़ी की और इसे सत्ता तक लाये । हमने ही भाजपा से गठबंधन का सूझा  दिया । हमने ही दुष्यंत की जीत में योगदान दिया । हमने ही ,,,हमने ही ,,,यह किया ,,,वह किया । इसके बावजूद दादा को जब मंत्री बनाने की बात आई तब गुरुग्राम में अजय चौटाला और कैप्टन अभिमन्यु के बीच गुप्त डील हो गयी कि गौतम को मंत्री न बनाया जाये ।

गौतम की चर्चा ही रह गयी मंत्री बनाये जाने की और राज्यमंत्री बना दिया अनूप धानक को । बताइए दादा का इतना अपमान ? कैसे सह पाते दादा गौतम? आखिर कुछ दिन की चुप्पी के बाद मुंह खोल दिया या कहिए कि दिल खोल दिया दुष्यंत चौटाला के खिलाफ । पहली प्रतिक्रिया तो दुष्यंत की आई कि दादा को मना लेंगे । दादा ने भी सोचा कि शायद मंत्री पद हाथ लग हो जाये । फिर कुछ दिन बिताये खामोशी में लेकिन जब फिर सब्र टूटा तो फिर तोप का मुंह कर दिया दुष्यंत की ओर ।इस बार दुष्यंत भी चुप नहीं रहे ।

डाॅ के सी बांगड की ओर से दादा को कारण बताओ नोटिस भिजवा दिया । बताओ दुष्यंत के खिलाफ क्यों मुंह खोलते हो ? दुष्यंत का कहना है कि मैंने नहीं यह पार्टी नै नोटिस दिया है गौतम दादा को । मंत्री अनूप धानक कह रहे हैं कि बडी इज्जत है हमारे मन में दादा गौतम की पर कोई मर्यादा तो रखनी चाहिए न ।

बताया जा रहा है कि सचिवालय और विधानसभा के गलियारों में चलते सत्र के बीच दादा दुष्यंत की बातें करते सुनाई दे रहे हैं और इसी के आधार पर उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है । अब दादा को सोचने समझने और जवाब देने के लिए पंद्रह दिन का समय दिया गया है । आप यकीन मानिए ये पंद्रह दिन उथल पुथल के होंगे । दादा विधायक पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं । जैसा कि उनकी भावना सामने आई थी और कुछ उलट पुलट भी कर सकते हैं । क्या कर सकते हैः और क्या नहीं ? इसका इंतजार कीजिए । दादा और पोते का खेल शुरू है ।


कमलेश भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार 

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