आ भाई , अब चलें कुरूक्षेत्र

नई दिल्ली। इतने दिन आपको महाराष्ट्र के रिया चक्रवर्ती और कंगना रानौत के दर्शन और चिंतन करवाता रहा । बहुत से मित्रों ने कहा कि यह आपका विषय नहीं । पत्रकार के विषय व्यापक होते हैं और जैसी ट्रेनिंग छह माह तक हुई उसमें अनाज मंडियों के , शेयर बाज़ार के रेट्स तक शामिल रहे । फैशन शो भी कवर किए । छोटी छोटी गलियों की समस्याओं से लेकर विश्वविद्यालय की रिसर्च तक शामिल रही और यह भी कि हर जिला सचिवालय एक प्रकार से पत्रकार के पूजा स्थल से कम नहीं ।

वहीं किसान धरने पर बैठे रहे हरियाणा सरकार के नये तीन तीन अध्यादेशों के खिलाफ । आओ भाई , अब लौट चलें हरियाणा के कुरूक्षेत्र जहां कल किसानों पर लाठीचार्ज किया गया और आखिर किसानों ने अपनी रैली कर ही ली और इसे किसानों की जीत बताया गया । इधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मेदांता से ठीक होकर लौटे और उधर किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें? क्या और कैसे तालमेल ? इसी किसान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद की कैंटीन में सस्ती थाली का खाना खाकर लिखते हैं-अन्नदाता । क्या अन्नदाता लाठीचार्ज का ही हकदार है ? यही उसका पुरस्कार है ?

कुरूक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की चौतरफा निंदा/आलोचना हुई है और आज नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुरूक्षेत्र जायेंगे । हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष सुश्री सैलजा , इनेलो के इकलौते विधायक अभय चौटाला सभी ने किसानों पर लाठियां भांजने की कड़ी निंदा की है । बरोदा उपचुनाव तक यह लाठियां चलेगीं , यह तय है । महाराष्ट्र सरकार की तरह हरियाणा सरकार की टाइमिंग भी गलत हो गयी ।
यह निश्चित तौर पर बरोदा अपचुनाव में मुद्दा बनने जा रहा है । किसी भाजपा नेता ने कहा कि ये किसान यूनियन के नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं का प्रदर्शन था । क्या किसान भी भाजपा , कांग्रेस में बंटे होते हैं ? किसान तो किसान होते हैं । यही तो पूछ रहे हैं लोग कि पूर्व कृषि मंत्री और आज भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओ पी धनखड़ कैसे सत्ता से पहले अर्द्ध नग्न प्रदर्शन कर रहे थे स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने की मांग को लेकर और कैसे सत्ता में आते और कृषि मंत्री बनते ही कहने लगे कि यह रिपोर्ट लागू नहीं की जा सकती । ऐसे व्यक्ति विधानसभा हार गये क्योंकि आप भूल जाते हैं जनता नहीं भूलती । वह सही समय पर वोट की चोट करती है और करती रहेगी ।संभल जाओ । किसी ने सोशल मीडिया पर चेतावनी पोस्ट की है कि किसान अगर बोना जानता है तो काटना भी जानता है । इस चेतावनी को समय रहते समझ और सुन लेना चाहिए ।
कमलेश भारतीय,  वरिष्ठ पत्रकार 

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