हिमालय की चोटी फतह करने वाले आईएएस रवीन्द्र कुमार की सोच है बड़ी

रवीन्द्र कुमार देश के पहले आईएएस हैं जिन्होंने वर्ष 2013 में एवरेस्ट फतह किया। उन्होंने एवरेस्टस यात्रा की रोमांच को पुस्तक का रूप प्रदान किया। रवीन्द्र ने मेनी एवरेस्टस नाम से पुस्तक लिखी, जिसमें एवरेस्ट यात्रा की पूरी जानकारी के साथ यात्रा के दौरान होने वाली परेशानी, समस्याएं आदि का मौलिक जिक्र है।

नई दिल्ली। कहते हैं जहां चाह होती है वहीं राह मिल जाती है। जरूरत है तो बस आपको बड़े सपने देखने की और उसे मंजिल तक पहुंचाने की। ऐसे ही जीवन के एक ऊंचे लक्ष्य को साकार कर दिखाया है बिहार के बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखंड के बसही गांव निवासी शिवनंदन प्रसाद सिंह के आईएएस पुत्र रवीन्द्र कुमार ने। वर्तमान में बतौर निजी सचिव, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन कर रहे हैं। यूपी के 2011 बैच के आईएएस अफसर रवींद्र कुमार केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया था। इसके बाद उन्हें यहां से अनुमति दे दी गई थी।
बता दें कि रवीन्द्र कुमार देश के पहले आईएएस हैं जिन्होंने वर्ष 2013 में एवरेस्ट फतह किया। उन्होंने एवरेस्टस यात्रा की रोमांच को पुस्तक का रूप प्रदान किया। रवीन्द्र ने मेनी एवरेस्टस नाम से पुस्तक लिखी, जिसमें एवरेस्ट यात्रा की पूरी जानकारी के साथ यात्रा के दौरान होने वाली परेशानी, समस्याएं आदि का मौलिक जिक्र है। नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में 12 दिसंबर 2016 को रवीन्द्र की लिखी पुस्तक मेनी एवरेस्टस का विमोचन समारोहपूर्वक किया गया। इस पुस्तक विमोचन के अवसर पर वरिष्ठ आईएएस रॉबीन गुप्ता, आईएएस शशिशेखर, पीके झा, बीके प्रसाद, एके दूबे, संजय कोठारी, दीक्षा भंडारी, राकेश गर्ग, अराधना चौधरी, भारतीय पर्वतारोही एचएच चौहान सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बेगूसराय नवोदय विद्यालय से मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने वाले रवीन्द्र को वर्ष 2013 में एलवी रेड्डी अवार्ड, 2014 में विशेष खेल सम्मान व सिक्किम खेल रत्न अवार्ड के साथ ही वर्ष 2016 में काष्ती रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।रवीन्द्र सिक्किम में पदस्थापन के दौरान प्राकृतिक आपदा के क्षेत्रो में भी जड़ तक पहुंचने का काम किया। नवोदय विद्यालय में रवीन्द्र के शिक्षक रहे डॉ. भगवान प्रसाद सिन्हा कहते हैं कि मेनी एवरेस्टस पुस्तक जीवन के प्रति नई दृष्टि प्रदान करता है।जीवन को कैसे सुखमय, सफल और शांतिमय बनावे यह किताब से प्रेरणा मिलती है।

 

 

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