संध्या कुमारी
नई दिल्ली। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी से प्रेरित था, जिन्होंने 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस को एक ख़ास संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने औपचारिक रूप से उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दे को संबोधित किया था. वह दुनिया के पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने ऐसा किया था. उपभोक्ता आंदोलन ने पहली बार 1983 में उस तारीख को चिह्नित किया और अब महत्वपूर्ण मुद्दों और अभियानों पर कार्रवाई करने के लिए हर साल दिन का उपयोग करता है. इस सबको काफी लंबा समय बीत चुका है. लेकिन क्या आज भी आप एक ग्राहक के रूप में अपने उपभोक्ता अधिकारों को जानते हैं.
हर साल 15 मार्च को दुनिया भर के उपभोक्ता समूहों द्वारा विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है. इसके लिए काम कर रहा एक समूह 100 से अधिक देशों में 200 से अधिक सदस्य संगठनों को “सभी जगह उपभोक्ताओं के अधिकारों को सशक्त करता है और जागरुकता फैलाता है. उपभोक्ता अधिकारों के लिए एक ख़ास दिन बनाने के पीछे दरअसल मकसद यह है कि एक ऐसे विश्व का निर्माण किया जाए जिसमें हर कोई आसानी से अपनी जरूरतों की चीजें और सर्विसेज हासिल कर सके.
आइए जानते हैं क्या हैं भारत के नागरिक के रूप में आपके उपभोक्ता अधिकार:
– सभी प्रकार के खतरनाक सामानों और सेवाओं से सुरक्षा का अधिकार- सभी वस्तुओं और सेवाओं के प्रदर्शन और गुणवत्ता के बारे में पूरी तरह से सूचित करने का अधिकार
– माल और सेवाओं के मुक्त विकल्प का अधिकार
– उपभोक्ता हितों से संबंधित सभी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुनवाई का अधिकार
– जब भी उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, उसका निवारण करने का अधिकार है
– उपभोक्ता शिक्षा को पूरा करने का अधिकार