कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर.सुमिर नर उतरहि पारा: पंडित नीरज शर्मा

फरीदाबाद। शारदीय नवरात्र में पूरा माहौल भक्तिमय हो चुका है। हर मंदिर नवरात्र के कारण विशेष तौर पर सजाई गई है। वहीं, एनआईटी फरीदाबाद पूरा श्रीराममय हो चुका है। यहां के विधायक पंडित श्री नीरज शर्मा ने नौ दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब मनुष्य कई प्रकार की संकटों से जूझ रहा है, उन्हें उचित रास्ता दिखाने के लिए श्रीराम से बेहतर कोई और नहीं है। रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है कि कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर.सुमिर नर उतरहि पारा। पंडित नीरज शर्मा ने कहा कि हम और आप कलयुग में हैं। कई लोग इसे घोर कलयुग का काल भी मानते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम लोग श्रीराम का ही स्मरण करें। हमने इसी संकल्प को ध्यान में रखकर ही यह आयोजन कराया है। हमें पूर्ण विश्वास है कि समाज के सहयोग से हमारा संकल्प पूर्ण होगा।
इससे पूर्व शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन दोपहर बाद 4 बजे से श्रीराम कथा की औपचारिक शुरुआत हुई। कथा वाचक पंडित नीरज शर्मा और श्री हरिमोहन गोस्वमी जी ने व्यास पीठ पर स्थान ग्रहण किया। पूर्व विधान से कलश स्थापना की गई। गणेश वंदना से आयोजन की शुरुआत की। श्रीराम कथा के बीच-बीच में संगीतमय प्रस्तुति से उपस्थित श्रद्धालु भाव सराबोहर हुए। कथा वाचक पंडित श्री नीरज शर्मा ने कहा कि रामकथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला गया। कहा कि रामकथा के श्रवण से जीवन के संकट दूर हो जाते हैं और मानव जीवन सुधर जाता है। चौपाई के माध्यम से रामभजन के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम का गुणगान किया। कथा मनुष्य के जीवन से अनेक प्रकार के भ्रम, संकट एवं क्लेश को दूर करती है। सद्मार्ग की प्रेरणा देती है। मानव सद्मार्ग पर चलकर, काम क्रोध, मद, लोभ का नाश करता है। कथा जीवन में धर्म, अर्थ, मोक्ष की प्राप्ति कराती है। कहाकि रामचरित मानस मनुष्य को आदर्श जीवन जीने के साथ ही सभी में प्रेमभाव और व्यवहार की शिक्षा देती है। रामकथा समाज और देश को सुधारती है। मानव के मन के पाप समाप्त होते ही आसुरी विचार समाप्त हो जाती है। रामकथा में वेद पुराण का सार है। राम की मर्यादा, विचार और संस्कार के अनुसरण से देश, समाज मानव जाति, विश्व का कल्याण होगा।
बता दें कि एनआईटी फरीदाबाद के विधायक पंडित श्री नीरज शर्मा ने जगत कल्याण की कामना से इस नौ दिवसीय श्रीरामकथा का आयोजन किया है। इसमें वे स्वयं भी कथावाचक हैं। उनके साथ श्री हरिमोहन गोस्वामी जी श्रीराम कथा के वाचक के रूप में हैं। पूरी व्यवस्था टीम पंडितजी कर रही है। टीम पंडित जी की ओर से कोरोना काल में जरूरी निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
कहा गया है कि पानी की बोत्तल अपने साथ लाएं। श्रीराम कथा के दौरान हमेशा मास्क लगा के रखें। बिना मास्क के श्रीराम कथा कार्यक्रम में ना आएं। अपने साथ 10 वर्ष से कम के बच्चों को साथ न लाएं। सरकारी निर्देशानुसार उनको रामकथा पंडाल में अनुमति नहीं मिलेगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। एक जगह पर खड़े होकर भीड़ न लगाए।
बता दें कि स्वास्थ्य सुरक्षा कारण से सेक्टर 52 स्थित श्रीराम कथा पंडाल में सौ रामभक्तों को ही आने की अनुमति हैं। शेष लोगों के लिए प्रतिदिन फेसबुक और यूटयूब पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है। इसके साथ ही आस्था, संस्कार और न्यूज 24 सहित कई दूसरे चैनल्स पर कथा का प्रसारण करने की व्यवस्था की गई।

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