अपनी शक्ति का एहसास जरूरी है: प्रणव कुमार

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश युवा लोजपा के अध्यक्ष प्रणव कुमार कहते हैं कि जब हमारे पास अनुभव और जोश होता है, तो जीवन में कुछ भी हासिल करना आसान होता है। युवाशक्ति के पास असीम संभावनाएं होती है। केवल जरूरत है उन्हें पहचानने की। एक मेंटर आपके जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं। सफलता के लिए जरूरी है कि आप किसी भी सफल व्यक्ति को अपना मार्गदर्शक मान लें। उनके बताए गए रास्ते पर चलना शुरू करें। परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल हों, यकीन मानिए सफलता आपके कदम चूमेगी।
एक सवाल के जवाब में प्रणव कुमार ने कहा कि हम कितने भाग्यशाली हैं कि हमारे पास माननीय श्री रामबिलास जी जैसे मार्गदर्शक हैं। पर्सनली वे हमें कुछ बताएं या नहीं, उनका जीवन ही हमारे लिए मार्गदर्शन है। हमारे परिवार के वे मुखिया हैं। वे लोकजनशक्ति पार्टी के अधिष्ठाता हैं। वे भारत सरकार के मंत्री हैं। उनके पास जिम्मेदारियां इतनी हैं कि वे पर्सनली हम लोगों से नहीं मिल सकते हैं। लेकिन, हम सबका उनका अनुसरण कर सकते हैं। उनके जीवन को आदर्श मानकर आगे बढें, तो हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें श्री चिराग जी जैसे सांसद का हमेशा सान्निध्य मिलता है। हर युवा उनको अपना मेंटर बना लें। मेंटर है, तो मुकाम है। जो उर्जा चिराग जी के पास है, राजनीति में कम लोगों के पास होता है। चिराग जी से हम टाइम मैनेजमेंट सीख सकते हैं। बडों के सपनों को कैसे आगे बढाया जा सकता है, वह सीख सकते हैं। सामाजिक जीवन में कैसे समय के साथ चला जाता है, वे हमें बताते हैं। मेरा तो आप सभी से यही आग्रह है कि हर दिल में चिराग जलना चाहिए। विकास का। विश्वास का।
जब हमारे प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि भारत युवाओं का है। हमारे पास युवा शक्ति है। हमें स्वामी विवेकानंद के सपनों को साकार करना है। हमें डाॅ भीमराव के भारत को बनाना है। हमें अपने मार्गदर्शक माननीय श्री रामबिलास जी के बताए रास्तों पर आगे चलकर हम हाथ को सशक्त करना है। हम और आप जिस प्रदेश और जिस परिवेश से आते हैं, वहां आज भी लाखों-करोडों लोगों के पास रहने के लिए सही से घर नहीं है। हमें उन्हें एक छत देना है। बंगला का निशान इसी ओर हमें बार-बार याद दिलाता है। यदि हर राज्य में युवा विकास परिषद अथवा युवा आयोग का गठन किया जाए, तो उसके माध्यम से न्यूनतम दर पर रोजगार के लिए नौजवानों को ऋण मुहैया करवाया जा सकेगा। साथ ही कई राज्य में दशकों से ठप पड़े रोजगार नियोजनालयों को भी शीघ्र शुरू किया जाए। हम अपने प्रधानमंत्री जी के बातों को तवज्जो देते हैं। हमें और आपको जाॅब सीकर नहीं, जाॅब क्रिएटर बनना है। मगर, इसके लिए साथ तो चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.