लातूर में दिए बयान पर मोदी को आयोग से ‘क्लीनचिट’ मिली

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बुधवार को स्पष्ट किया कि पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं से अपना वोट बालाकोट हवाई हमले के नायकों और पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को समर्पित करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान चुनाव प्रचार में सशस्त्र बलों का उल्लेख नहीं करने के उसके निर्देशों का उल्लंघन नहीं करता है। आयोग ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का रक्षा बलों पर दिया गया बयान भी आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन नहीं करता है। प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कमलनाथ ने 14 अप्रैल को कहा था कि जब मोदी बच्चे थे जब जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने देश के रक्षा बलों को बनाया था। कमलनाथ मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के हरसूद में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

लातूर में प्रधानमंत्री के बयान का हवाला देते हुए आयोग ने कहा, ‘‘ परामर्शों, आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अनुरूप मामले का विस्तार से परीक्षण किया गया। उस्मानाबाद संसदीय सीट के निर्वाचन अधिकारी की ओर से भाषण की 11 पन्नों की प्रमाणित प्रति भेजी गयी थी जिसका परीक्षण किया गया। इसके बाद आयोग का विचार है कि इस मामले में मौजूदा परामर्शों / प्रावधानों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। ’’

मोदी ने नौ अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर के औसा में पहली बार मतदान करने वाले लोगों से कहा, ‘‘ क्या आपका पहला वोट हवाई हमला करने वालों के लिए हो सकता है?’’ प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘‘मैं पहली बार मतदान करने वालों से कहना चाहता हूं :: क्या आपका पहला वोट वीर जवानों को समर्पित हो सकता है जिन्होंने पाकिस्तान में हवाई हमले किए।’’ माना जाता है कि महाराष्ट्र के स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों ने चुनाव आयोग से कहा था कि मोदी का बयान पहली नजर में उसके आदेश का उल्लंघन करता है जिसमें पार्टियों से प्रचार के दौरान सशस्त्र बलों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया था।

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