सामाजिक हस्तियों का आह्वान, मनाएं धुआंरहित ग्रीन दीवाली

Green Dewaliनयी दिल्‍ली । दिल्‍ली में चिंताजनक रूप से बढ़ते वायु प्रदूषण के स्‍तरों ने पर्यावरण के प्रति जागरूक कुछ प्रमुख नागरिकों एवं सामाजिक रूप से प्रभावशाली लोगों को एक साथ आकर ‘धुआं रहित ग्रीन दीवाली’ मनाने के आह्वान के लिये प्रेरित किया है। अभियान के तहत इन लोगों ने सरकार तथा जनता से हमारे बच्‍चों, वरिष्‍ठ नागरिकों तथा अगली पीढ़ी के लिये प्रदूषण मुक्‍त स्‍वच्‍छ हवा तैयार करने के लिये जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है। स्‍वच्‍छ हवा में सांस लेना हमारा संवैधानिक अधिकार है। आज दिल्‍ली में #माईराइटटूब्रेथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रमुख श्‍वास रोग विशेषज्ञों और जानी-मानी हस्तियों ने भी इस चर्चा में हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने इस समय शहरों में, खासकर त्‍यौहारी मौसम में प्रदूषण के खतरनाक स्‍तर तक पहुंचने पर चिंता जाहिर करने के साथ-साथ पर्वों को परम्‍परागत, उल्‍लासपूर्ण तथा सुरक्षित तरीके से मनाने की आवश्‍यकता पर विचार-विमर्श किया। विराट कोहली, कपिल देव, रोहित शर्मा, आशीष नेहरा, वीरेन्‍द्र सहवाग, रणविजय सिंघा, नीना गुप्‍ता तथा अर्जुन नागपाल जैसी नामी हस्तियों ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करके पटाखामुक्‍त दीपावली की आवाज का समर्थन किया है, ताकि लोगों में जागरूकता फैले और वे उनकी अपील पर अमल करें। रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशंस (आरडब्‍ल्‍यूए) और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) भी इस सिलसिले में जनजागरूकता फैलाने और लोगों को संवेदित करने के लिये आगे आ रहे हैं।

हर साल, त्‍यौहारी मौसम में दिल्‍ली और उसके आसपास के इलाके धुएं की मोटी परत से ढक जाते हैं। इससे पार्टिकुलेट मैटर में बेतहाशा बढ़ोत्‍तरी हो जाती है और बच्‍चों तथा अन्‍य लोगों को अक्‍सर सांस लेने में दिक्‍कत होती है, यहां तक कि उन्‍हें दमा के दौरे पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। हर साल दीपावली के वक्‍त प्रदूषण का स्‍तर खतरनाक रूप से बढ़ने और वायु की गुणवत्‍ता पर उसके बुरे असर के मद्देनजर उच्‍चतम न्‍यायालय ने पिछली 9 अक्‍टूबर को दिल्‍ली तथा राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक नवम्‍बर 2017 तक पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिये हैं। न्‍यायालय ने माना कि “वायु की गुणवत्‍ता अस्‍वाभाविक और खतरनाक रूप से खराब होती है, जिससे शहर थम सा जाता है। ऐसे हालात में स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍बन्‍धी आपात स्थिति पैदा होने के कारण स्‍कूलों को बंद करना पड़ता है।” पटाखों का निर्माण तांबा, कैडमियम, सीसा, मैगनीज, जिंक, सोडियम तथा पोटैशियम जैसे अत्‍यधिक विषैले भारी धात्विक तत्‍वों से किया जाता है। अगर ये तत्‍व हवा में मौजूद रह जाएं तो दमा के दौरे का कारण बन सकते हैं। इससे सिर में बेतहाशा दर्द तथा सांस सम्‍बन्‍धी समस्‍याओं के साथ-साथ जीर्ण खांसी की समस्‍या पैदा होती है।

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