यहां से वहां तक खबर ही खबर

नई दिल्लीसुबह समाचारपत्र की इंतजार रहती है । जब सक्रिय तौर पर पत्रकार था तब अपने समाचारों की क्या गत बनी , यह देखने की उत्सुकता के कारण और अब इसलिए कि समाज का और राजनीति का हाल क्या है ? यह जानने की इच्छा । हरियाणा और वह भी हिसार में बिजली मंत्री चौ रणजीत सिंह बोले का राम रहीम को लेकर उनकी जुबान फिसल गयी थी । कैसे ? सुनारियां जेल में राम रहीम कैद है और वहां प्राकृतिक खेती को लेकर राज्यपाल देवव्रत और चौ साहिब आमंत्रित थे । लेकिन जो जेल में बंद है राम रहीम वह नहीं थे ।

शाहीन बाग का प्रकरण आज से खत्म । जैसे यूपी में शमशान और कब्रिस्तान का । बस। ये चुनावी मुद्दे होते हैं । कोई स्थायी विचार नहीं जैसे कि अमित शाह कह रहे हैं कि यह विचारधारा की लडाई है । जी नहीं साहब । अब एक ही विचारधारा है सभी दलों की । जैसे तैसे सत्ता प्राप्त करना । इससे अलग कोई विचारधारा नहीं । यदि होती तो फिर मणिपुर में , गोवा में , उत्तराखंड में राजनीतिक भूचाल नही आते । विधातयको की खरीद फरोख्त की मंडी नहीं लगती । खैर । बहुत से समाचार हैं ।

क्यों ? चौ साहब का जवाब कि सुरक्षा की खातिर । राम रहीम को अकाली दल और अन्य से हमले का डर है । स्वाभाविक है कि अकाली दल में नाराजगी होती और हुई । भाजपा के केंद्र तक नाराजगी पहुंचाई । तब जाकर चौ साहब बोले कि मेरी जुबान फिसल गयी थी । यही क्यों ? इनके इस संरक्षा वाले बयान से जेलों की सुरक्षा पर भी विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए तब कहना पड़ा कि नहीं । हमारी जेलें सुरक्षित हैं । है न एक ही बात के अनेक जवाब । मजेदार । यहां तो कुर्सी पर ही बन आई थी । राम राम कर बचे ।

इधर दिल्ली के विधानसभा चुनाव के प्रचार का आज आखिरी दिन है । यानी शाहीन बाग पर जो कहना है कह लो । फिर यह मौका नहीं आने वाला । इसीलिए गुंजा कपूर बुर्का पहन कर पहुंच गयी और लगी फोन पर रिकार्डिंग करने । शक हुआ तो पकड़ी गयी । यूट्यूब संचालक ऐसी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके फोलोअर । अब सोच लो कि क्या इरादे लेकर आई होंगी ?

 


कमलेश भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार 

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