एक अरब टीकों ‌से जागा, आत्मनिर्भरता का भाव

कृष्णमोहन झा

भारत का कोरोना टीकाकरण अभियान सारे विश्व के लिए अनुपम उदाहरण बन गया है। इसी साल 16 जनवरी को भारत में शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान ने मात्र 9 माह पूरे होते ही गत दिवस एक स्वर्णिम कीर्तिमान भी अपने नाम कर लिया जब लोगों दी गई कोरोना की डोज 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना टीकाकरण अभियान की इस उल्लेखनीय सफलता को टीम इंडिया की जीत बताते हुए कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया है ।यह उपलब्धि भारतीय विज्ञान,उद्यमों, और 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक भावना की जीत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा है कि मजबूत राजनीतिक नेतृत्व के बिना यह संभव नहीं था । यूनिसेफ ने भी भारत की इस उपलब्धि को शानदार बताया है। गौरतलब है कि देश में कोरोना संक्रमण की शुरुआत होते ही उसे नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देशव्यापी लाक डाउन लागू करने का जो कठोर फ़ैसला किया था उसकी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने प्रशंसा की थी। यहां यह विशेष गौर करने लायक बात है कि कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद विपक्ष ने इसे लेकर बहुत सारे सवाल उठाए थे कुछ लोगों ने टीके के हानिकारक दुष्प्रभाव होने की आशंका भी व्यक्त की थी । कभी टीकों की उपलब्धता और कभी उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाकर सरकार पर निशाना साधने के प्रयासों में विपक्ष ने कोई कसर नहीं छोड़ी परंतु आज जब मात्र 9 माह की अवधि में देश में एक अरब टीकाकरण कर देने की ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की देश विदेश में सराहना हो रही है तब उनके आलोचकों ने उन्हें इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए बधाई देने के बजाय मौन साध लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर दिए गए संदेश में कहा है कि इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि ‘अगर भारत के लोगों को भरोसे मंद साथी बनाया जाए तो परिणाम कितने शानदार हो सकते हैं।’ देश के अंदर विपुल मात्रा में कोरोना टीके के उत्पादन के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ‌ कहते हैं कि उनकी उत्कृष्ट प्रतिभा और कड़ी मेहनत की बदौलत ही भारत टीकों के मामले में वास्तव में ‘आत्मनिर्भर’ बन‌ गया है। संदेह नहीं कि भारतीय वैज्ञानिकों ने चंद महीनों के अंदर ही न केवल टीका विकसित करने में सफलता हासिल कर ली बल्कि सघन प्रयोगों के जरिए यह सुनिश्चित करने में भी सफल हो गए कि भारत में विकसित टीके पूरी तरह सुरक्षित और दुष्प्रभावरहित हैं। यद्यपि सभी राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश की अधिकाधिक आबादी का टीकाकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात में टीकाकरण का प्रतिशत दूसरे प्रदेशों का योगदान दूसरे राज्यों से अधिक रहा। यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 18 वर्ष आयु से अधिक आयु की शत-प्रतिशत आबादी को टीके की एक डोज दी जा चुकी है। देश मेंं 9 माह के अंदर 100 करोड़ कोरोना टीके लगाने की ऐतिहासिक उपलब्धि को यादगार बनाने के लिए अनेक आयोजन भी किए गए।


कोरोना टीकाकरण अभियान की शानदार सफलता पर आज जब प्रधानमंत्री और उनकी सरकार साधुवाद के हकदार बन चुके हैं तब भी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने इस महाअभियान की अनूठी सफलता का श्रेय भारत की 130 करोड़ आबादी को दिया है जिसे उन्होंने ‘टीम इंडिया’ नाम दिया। प्रधानमंत्री कहते हैं कि टीकाकरण अभियान के माध्यम से टीम इंडिया ने अपनी ताकत दिखाई है। केंद्र सरकार के मुखिया के रूप में प्रधानमंत्री हमेशा ही सबको साथ लेकर सबका विश्वास अर्जित करने की जिस नीति पर चल रहे हैं उसका इस कोरोना टीकाकरण अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है। इसीलिए जब कभी उन्होंने जनता से सहयोग का आह्वान किया तब जनता तहे दिल से उनके साथ खड़ी दिखाई दी‌ है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने गत वर्ष देश में कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद जब देश वासियों से अपने घरों में दीप जलाकर और ताली थाली घंटी बजा कर एकजुटता प्रदर्शित करने की अपील की थी तब लोगों ने उनको संपूर्ण हृदय से अपना समर्थन प्रदान किया था । निराशा का अंधकार भगाने के लिए मनाए उस अनूठे दीपोत्सव की स्मृतियां आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क पर अंकित हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में उस दीपोत्सव की यादों को ताजा करते हुए कहा है कि पिछली दीवाली के समय हम कोरोना संकट के कारण में थे परंतु कोरोना टीकाकरण अभियान की अपार सफलता ने इस दीवाली के पहले ही हमें न केवल आत्म विश्वास से भर दिया है बल्कि यह संदेश भी दिया है कि अगर हमारे देश में बना टीका मुझे सुरक्षा प्रदान कर सकता है तो हमारे देश में बना सामान इस बार दीवाली के उल्लास को भी बढ़ा सकता है। प्रधानमंत्री ने सबको मुफ्त टीका उपलब्ध कराने के सरकार के फैसले की चर्चा करते हुए कहा कि इस अभियान से वीआई‌पी कल्चर को दूर रखा गया है। टीकाकरण में गरीब अमीर में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके लिए प्रशंसा के अधिकारी हैं। गौरतलब है कि टीका बनकर तैयार भी नहीं हुआ था तब उसे कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों में चुनावी‌ मुद्दा बनाने के प्रयास शुरू किए थे लेकिन प्रधानमंत्री ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌मोदी ने सबको मुफ्त ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌टीके उपलब्ध कराने का फैसला कर साबित कर दिया कि लोगों का स्वास्थ्य अनमोल है।
बहरहाल देश में कोरोना टीके की एक अरब डोज लग जाने के बाद एक ओर जहां देशवासियों का उत्साह द्विगुणित हुआ है ‌‌वहीं‌ सरकार भी आत्म विश्वास से लबरेज हो‌ चुकी‌है। अब बच्चों के लिए टीके की उपलब्धता सुनिश्चित हो चुकी है और जल्द ही उनके टीकाकरण का अभियान भी प्रारंभ होना तय माना जा रहा है। अब लोगों से अपेक्षा की जा सकती है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक ऐहतियाती सतर्कता में कोई कमी न लापरवाही न बरतें।

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