नई दिल्ली। भगवान् बजरंगबली ने अपने संपूर्ण शरीर पर सिंदूर मात्र इसीलिए धारण किया क्योंकि माता सीता की मांग में भरा सिंदूर माता को सबसे अधिक प्यारा था। जिस सिंदूर की रक्षा के लिए भारत में असंख्य वीरांगनाएं युद्ध में वीर गति प्राप्त हुईं और यहां तक के जौहर करने को भी मजबूर हुईं, उस सिंदूर को उजाड़ने का दुस्साहस इस्लामिक जिहादी आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में किया। भारतीय नारी के मांग में भरा हुआ चुटकी भर सिंदूर कोई कॉस्मेटिक सामग्री ना हो कर, इस देश की संस्कृति, स्वाभिमान और नारी शक्ति का प्रतीक है। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने आज उत्तर दिल्ली के श्री राधा कृष्ण मंदिर (रथवाला) में आयोजित 151वें हनुमान चालीसा महोत्सव में भारतीय सेना के पराक्रम को नमन करते हुए यह भी कहा कि पहलगाम में सुहागानों का सिंदूर जिस तरह से उनके ही सामने उजाडा गया, उसका बदला ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से सटीक हमला करके, हमारी सशस्त्र सेनाओं ने बहुत ही बहादुर के साथ लिया।
उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से यह भी संदेश विश्व को दिया गया कि नारी की अस्मिता या नारी के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करने वाला जिहादी दरिंदा कोई भी और कहीं भी छुपा हो, हमसे बच नहीं पाएगा। यहां उपस्थित हनुमान जी के सभी भक्तों ने आज का यह दिन भारतीय सेना विजय दिवस के रूप में भी मनाया और अपने वीर योद्धाओं को नमन् कर सामर्थशाली नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता भी ज्ञापित की।
इस अवसर पर बोलते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने ऑपरेशन संदूर के माध्यम से तीनों सेनाओं के पराक्रम को नमन किया।
इस अवसर पर मंदिर के प्रधान श्री विनोद सिंहल, आर्यसमाज मंदिर के श्री सोहनलाल आर्य, दुर्गा वाहिनी की उत्तरी दिल्ली संयोजिका श्रीमती नूपुर के अतिरिक्त सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष व बच्चे उपस्थित थे।