नई दिल्ली। एक ओर पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर बीते दो दिनों से दिल्ली सहित देश के कई शहरों में शराब की दुकानें खोल दी गई है। लोगों का हुजूम तमाम सोशल डिस्टेनिसंग के दावे की धज्जियां उडा रहा है। आशंका बलवती जा रही है कि कोरोना संक्रमण और अधिक होगा। समाजसेवी और लोक अवाम मंच के अध्यक्ष नरेश कुमार कहते हैं कि जिस प्रकार से कोरोना को लेकर बातें सामने आ रही है, उससे तो यह तय मानिए कि अब हम सभी लोगों को स्वयं अनुशासन में रहना होगा। सरकारी स्तर पर काफी प्रयास हुए हैं। बेहतर व्यवस्थाएं हुईं हैं, लेकिन सबसे बेहतर होता है स्वयं की सुरक्षा।
सामाजिक संस्था लोक अवाम मंच के अध्यक्ष नरेश कुमार का कहना है कि जिस प्रकार से दिल्ली में और कुछ दूसरे शहरों में शराब की दुकानों पर अत्यधिक भीड देखी गई और कुछेक जगह पर पुलिस को लाठियां भी भांजनी पडी, उससे तो यही लगता है कि लोगों ने लाॅकडाउन में भी शराब पी होगी। चूंकि, मैं बीते तीस सालों से अपने क्षेत्र में नशा मुक्ति अभियान चला रहा हूं, नब्बे के दशक में दर्जनों ठेकों को बंद कराया है, इसलिए कह सकता हूं कि जो लोग शराब पीते हैं, वे पीए बगैर रहेंगे नहीं। इसलिए मेरी व्यक्तिगत राय है कि दिल्ली सरकार हो या कोई अन्य सरकार, उसे सरकारी शराब की दुकानें खोल देनी चाहिए। इससे दो लाभ होंगे। एक ओर सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी, दूसरे लोगों को मानक शराब की आपूर्ति होगी।
नरेश कुमार ने बताया कि जब किन्हीं कारणों से शराब बंदी होती है, तो अवैध तरीके से इसका प्रचलन बढता है। अवैध शराब पीने से कई बार सैकडों लोगों की मौत तक हुई है। अवैध तरीका का पैसा असामाजिक तत्वों के माध्यम में ही रहता है। उन्होंने कहा कि यदि लोग शराब की मनाही करें, तो यह सर्वोत्तम है। लेकिन, जिन्हें आदत है, वह किसी भी कीमत पर शराब पीएगा ही।
वर्तमान समय में समाजसेवी नरेश कुमार ने लोगों से आह्वान किया है कि लोग समाजहित और देशहित में काम करें। हमें इस सच को स्वीकार करना होगा कि जब तक कोरोना के लिए वैक्सीन नहीं तैयार हो जाता है, हम सभी को सचेत होना होगा। सरकार और स्वास्थ्य कर्मचारी जो हमसे कहें, हमें उसका पालन करना चाहिए। यही समय की मांग है।