मन की बात में हुनर हाट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी हुनर हाट छाया रहा। रेडियो पर प्रसारित अपने मन की बात कार्यक्रम में रविवार को मोदी ने कहा कि हुनर हाट, शिल्पकारों के सपनों को पंख दे रहा है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट ने शिल्पकारों की जिंदगी में व्यापक बदलाव किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में देश की विशालता, संस्कृति, परंपराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं का दर्शन होता है।

बता दें कि हाल ही में मोदी दिल्ली के हुनर हाट गए थे और वहां लिट्टी चोखा का आनंद लिया था। उन्होंने कहा, “हुनर हाट में समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक वाकई अनोखी थी। शिल्पकारों की साधना और हुनर के प्रति प्रेम की कहानियां भी प्रेरणादायी होती है।” मोदी ने कहा, “भारत को जानने के लिए जब भी मौका मिले इस तरह के आयोजनों में जरूर जाना चाहिए, आप ना सिर्फ देश की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि आप देश के मेहनती कारीगरों की विशेषकर महिलाओं की समृद्धि में भी अपना योगदान दे सकेंगे।” प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की जैविक विविधता और सर्दियों में हिन्दुस्तान आने वाले प्रवासी पक्षियों का जिक्र किया।

 

पीएम मोदी के ‘मन की बात’ की बड़ी बातें

टेक्नोलॉजी के प्रति युवाओं की बढ़ती रुचि पर पीएम मोदी ने कहा कि, “इन दिनों हमारे देश के बच्चों और युवाओं में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति रूचि लगातार बढ़ रही है। अंतरिक्ष में रिकॉर्ड सैटेलाइट का प्रक्षेपण, नए-नए रिकॉर्ड, नए-नए मिशन हर भारतीय को गर्व से भर देते हैं।” उन्होंने कहा कि, “बच्चों के, युवाओं के उत्साह को बढ़ाने के लिए उनमें साइंटिफिक टैंपर को बढ़ाने के लिए एक और व्यवस्था शुरु की गई है। अब आप श्रीहरिकोटा से होने वाले रॉकेट लॉंचिंग को सामने बैठकर देख सकते हैं।हाल ही में इसे सबके लिए खोल दिया गया है।”

पीएम मोदी ने कहा, “31 जनवरी 2020 को लद्दाख़ की खूबसूरत वादियां, एक ऐतिहासिक घटना की गवाह बनी। लेह के कुशोक बाकुला रिम्पोची एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के AN-32 विमान ने जब उड़ान भरी तो एक नया इतिहास बन गया। इस उड़ान में 10% इंडियन Bio-jet fuel का मिश्रण किया गया था।”

उन्होंने कहा, “हमारा नया भारत अब पुराने approach के साथ चलने को तैयार नहीं है। खासतौर पर New India की हमारी बहनें और माताएं तो आगे बढ़कर उन चुनौतियों को अपने हाथों में ले रही हैं।”

बिहार के पूर्णिया की कहानी देश के लोगों को प्रेरणा से भर देने वाली है। विषम परिस्थितियों में पूर्णिया की कुछ महिलाओं ने एक अलग रास्ता चुना। पहले इस इलाके की महिलाएं, शहतूत या मलबरी के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकून तैयार करती थीं। जिसका उन्हें बहुत मामूली दाम मिलता था। आज पूर्णिया की महिलाओं ने एक नई शुरुआत की और पूरी तस्वीर ही बदल कर के रख दी।

इन महिलाओं ने सरकार के सहयोग से मलबरी-उत्पादन समूह बनाए। इसके बाद उन्होंने कोकून से रेशम के धागे तैयार किये फिर उन धागों से खुद ही साड़ियां बनवाना शुरू कर दिया जो अब हजारों रुपयों में बिक रही हैं। 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं तो पहली शर्त यही होती है, कि हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मरना नहीं चाहिए। हमारी 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा, हमें यही प्रेरणा देती है। 10 साल से कम उम्र में उन्हें अपना school छोड़ना पड़ा था। 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर school शुरू किया, पढाई शुरू की। इतनी उम्र होने के बावजूद उन्होंने level-4 की परीक्षा दी और 75% अंक प्राप्त किए।”

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