रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के रवीन्द्रनाथ महतो सर्वसम्मति से मंगलवार को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन हाजी हुसैन अंसारी ने किया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। महतो नाला विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार विधायक चुने गये हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नाला से झामुमो विधायक रविंद्र नाथ महतो ने 6 सेटो में नामांकन दाखिल किया है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के साथ तालमेल बिठाकर रविंद्र महतो को मैदान में उतारा है। रविंद्र नाथ महतो को जानते हैं इनका जन्म 12 जनवरी 1960 को हुआ, इनका पैतृक गांव मोहजोरी खमार में हुआ, जो नाला प्रखंड के अंतर्गत आता है ,वर्तमान में यह पाटनपुर में रह रहे हैं जो फतेहपुर प्रखंड के अंतर्गत आता है।रविंद्र महतो दो भाइयों में बड़े हैं इन के छोटे भाई का नाम संजीव कुमार है जो नाला डिग्री कॉलेज में केमिस्ट्री के लेक्चरर के पद पर कार्यरत है। इनके पिता शिक्षक थे जिनका नाम गोलप बिहारी महतो है, इनकी मां रूपमंजरी देवी का देहांत हो चुका है।
इन्होंने बीएससी की पढ़ाई बायोसाइंस में एसपी कॉलेज दुमका से की है। b.Ed की पढ़ाई बीपी कॉलेज ऑफ साइंस एंड एजुकेशन भुवनेश्वर से किया है। इनका विवाह शरमा देवी से हुआ इनके दो बेटे बेटी हैं बेटे का नाम कुणाल है और बेटी का नाम प्रियंका है। शिबू सोरेन के अलग राज्य के आंदोलन को देखकर यह काफी प्रभावित हुए और विश्वविद्यालय से निकलने के बाद ही राजनीति में इनका प्रवेश हो गया, 1995 में पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया लेकिन स्वायत्तशासी परिषद का इन्हें मेंबर बनाया गया।
यह 6 बार जेल भी जा चुके हैं इन की सबसे लंबी जेल यात्रा 13 दिनों की रही जहां यह आर्थिक नाकेबंदी के दौरान जामताड़ा जेल में बंद रहे। झारखंड मुक्ति मोर्चा में अपने शुरुआती दिनों से ही यह जुड़े रहे, पार्टी ने 2000 के विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट दिया, लेकिन यह विश्वेश्वर खान से 500 वोटों से चुनाव हार गए। 2005 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर रविंद्र नाथ महतो सदन पहुंचे ,2009 में एक बार फिर इन्हें हार का सामना करना पड़ा, 2014 और 2019 दोनों बार लगातार फिर से इन्होंने चुनाव जीता और इस बार विधानसभा अध्यक्ष बन रहे हैं।