नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार (4 अगस्त) को मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में उनकी(राहुल गांधी) सजा पर रोक लगाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने वायनाड से सांसद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल की। मार्च 2023 में उन्हें निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने जश्न मनाया।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि स्पीकर ने आज ये फैसला लिया। हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलते ही हमने इसे बहाल कर दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद पी चिंदबरम ने कहा कि हमें खुशी है कि स्पीकर ने आज फैसला लिया। अब वे (राहुल गांधी) लोकसभा में भाग ले सकते हैं।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि हम सदन में उनका दोबारा स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। इससे हमारी रैंक मजबूत होगी। कल अविश्वास प्रस्ताव आ रहा है, इससे हमारे तर्कों को बल मिलेगा कि इस सरकार ने भारत का विश्वास क्यों खो दिया है। मुझे पूरा यकीन है कि वे(राहुल गांधी) अविश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लेंगे।
The decision to reinstate Shri @RahulGandhi as an MP is a welcome step.
It brings relief to the people of India, and especially to Wayanad.
Whatever time is left of their tenure, BJP and Modi Govt should utilise that by concentrating on actual governance rather than… pic.twitter.com/kikcZqfFvn
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 7, 2023
136 दिन बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई है। लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को अधिसूचना जारी की। लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई लेकिन राहुल लोकसभा नहीं पहुंचे। इस बीच मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके 24 घंटे में ही 24 मार्च को सांसदी चली गई थी। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने भी सजा बरकरार रखी थी। राहुल ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 134 दिन बाद 4 अगस्त को कोर्ट ने इस केस में राहुल की सजा पर रोक लगा दी थी।