राजस्थान: इस बार होंगे दो डिप्टी सीएम !

जयपुर।राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम के लिए यहां की 199 सीटों पर मतगणना जारी है। सुबह 10:48 बजे तक के रुझानों में कांग्रेस 102 और भाजपा 79 सीटों पर आगे चल रही हैं। BSP 3 और अन्य 12 सीटों पर आगे चल रहे है। रुझानों से उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। ये महज रुझान हैं, आगे चलकर यह पलट भी सकते हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम के रहस्य और रोमांच से कुछ ही देर में पर्दा उठने लगेगा।

कांग्रेस पार्टी सरकार गठन की तैयारियों में जुट गई है। राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार की बनाने को लेकर आश्वस्त पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। एग्जिट पोल में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावनाओं के बाद दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर हलचल तेज हो गई हैं। मतदान समाप्ति के फ़ौरन बाद देर रात ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच गए।

इन नेताओं ने दिल्ली पहुंचकर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। इन सभी के बीच विधानसभा चुनाव के फीडबैक पर मंथन हुआ। वहीं रविवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी भी दिल्ली पहुंच गए और उन्होंने भी वहां कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। जानकारों की माने तो डूडी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे हैं।

ये तीनों नेता अपने-अपने स्तर पर सीएम के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि तीनों नेताओं की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात होनी है, लेकिन राहुल गांधी के पंजाब दौरे के चलते मुलाकात टल रही है। वहीं दूसरी ओर पांच माह बाद होने वाले लोकसभा चुनावों और जातिगत समीकरणों को देखते हुए इस बार कांग्रेस में दो डिप्टी सीएम बनाने की बात भी जोर-शोर से चल रही है। बताया जाता है कि वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई मुलाकातों के दौरान भी इस बार दो डिप्टी सीएम बनाने की बात हुई थी। बता दें कि गहलोत सरकार के प्रथम कार्यकाल में भी दो डिप्टी सीएम बनाए गए थे।

प्रदेश में हर पांच साल पर कांग्रेस और भाजपा के बारी-बारी से सत्ता में आने की परंपरा रही है। इस बार देखना होगा कि क्या बीजेपी इस परंपरा को तोड़ पाती हैं या नहीं। पिछले विधानसभा चुनाव ने बीजेपी ने 200 में से 163 सीटें जीतकर तगड़े बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। कांग्रेस को महज 21 सीटें ही मिल पाई थी। यहां 7 दिसंबर को हुए मतदान में 74.02 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जो कि पिछले बार से 2.59 प्रतिशत कम था।

 

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