राज्यसभा चुनाव और मध्य प्रदेश

नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बाड्रा के नाम की चर्चा शुरू क्या हुई कि मध्य प्रदेश की राजनीति में उठा पटक शुरू हो गयी । कांग्रेस के छह विधायक पहले गुरुग्राम भागे चले आए फिर बंगलौर चले गये उनमें से चार । ऐसा क्यों ? क्या संबंध है राज्यसभा चुनाव व पाला बदल के बीच ?

पहला कारण तो कांग्रेस को अस्थिर कर सरकार गिराना । दूसरा यह संदेश देना कि प्रियंका के लिए यहां से चुना जाना आसान राह न समझी जाए । तीसरा ज्योदिरादित्य सिंधिया के नाम पर विचार किया जाए जैसा कि कांग्रेस में आवाज़ उठ रही है । कांग्रेस में यह हर राज्य में हो रहा है -आपसी मैच । कमलनाथ को बाहर से कम अंदर से ज्यादा खतरा है । हो सकता है कि इतने छोटे से खेल में उनका भी हाथ रहा हो । यही तो राजनीति की असली तस्वीर है ।

आत्मघाती गोल भी करना पडता है जैसे कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में किया और 63 प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवा कर भाजपा को सत्ता से दूर कर दिया । ऐसे ही कदम उठा रहे हैं ज्योतिरादित्य । हरियाणा में भी चर्चा है फिर से सुश्री सैलजा के नाम की । एक सीट उन्हीं का कार्यकाल समाप्त होने पर खाली हुई है । फिर से सोनिया गांधी से नजदीकियों के चलते वे राज्यसभा में आसानी से पहुंच सकती हैं लेकिन राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सचिव क्या करें ? वे भी हरियाणा से हैं और इस बार कैथल से चुनाव हार चुके ।

कहां जाएं ? कोई प्लेटफार्म तो चाहिए । पैर कहां रखें ? जजपा से अःदल ही अंदर दिग्विजय भी तैयार बैठे हैं राज्यसभा जाने के लिए जबकि भाजपा से सुभाष बराला , कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड ही नहीं रामविलास शर्मा जी भी तैयार हैं । देखिए घमासान शुरू है और लाबिंग भी । कौन किसे पटखनी देकर राज्यसभा पहुंचता है ,आइए इंतजक करें । खेल चालू आहे ।


कमलेश भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार 

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