कमलेश भारतीय
कोरोना से लड़ाई जारी है । लाॅकडाउन का एक एक दिन बीत रहा है । लम्बा दिन । युगों जैसा । टीवी पर रामायण , महाभारत देखकर भी पहले जैसी शांति नहीं मिलती । तब इनके लिए कर्फ्यू लगता था । अब ये कर्फ्यू के लिए दिखाए जा रहे हैं । लोकप्रियता बरकरार है पर मन बेकरार है । कोरोना भूलता नहीं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाठ पढ़ा रहे हैं -सामाजिक दूरी का । इसे अपने अपने तरीके से फिल्म स्टार भी प्रचारित करने में लगे हैं तो क्रिकेटर भी । सलमान खान पनवेल के फाॅर्म हाउस से संदेश दे रहे हैं कि मेरे पिता ने डाॅयलाग लिखा था कि जो डर गया , वह मर गया पर अब मैं कहता हूं कि जो डर गया वह जी गया । यानी जिंदगी की जंग जीत गया । सोनम कपूर की आलोचना हो रही है कि पटाखे चलाने की आलोचना क्यों की ? वैसे पटाखे चलाने की कही किसने थी ? फिर यों ही किसी के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़ जाते हो यानी ट्रोल करना शुरू कर देते हो ? सामाजिक दूरी का पाठ हर कोई पढ़ा रहा है । जरूरी भी है । पर जमात वाले लोगों के बहाने किसी धर्म को भी निशाना बनाना बहुत सही कदम नहीं । जमात वालों ने बहुत गलत किया । देश के हर कोने में कोरोना बम पहुंचा दिया । कहां अंडमान निकोबार तो कहां कश्मीर और कहां हिमाचल की गुफाएं । सब जगह एक गलती से कोरोना फैलता चला गया । पर अब कम से कम प्रशासन को तो बता दो कि कहां और क्यों छिपे बैठे हो आप ? इतनी मदद तो कर दो देशवासियों की । इधर भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संदेश देकर आह्वान किया है कि कार्यकर्त्ता कम से कम एक वक्त का भोजन छोड़ दें ताकि सबको अन्न का भंडार मिलता रहे । एक समय अनाज की कमी को देखकर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी सोमवार के व्रत का आह्वान दिया था और देशवासियों ने इसे भरपूर अपनाया था । अब समय की जरूरत है । हरियाणा में पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ देवीलाल की जयंती मनाई गयी और अब कांग्रेस में शामिल हो चुके अशोक अरोड़ा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी । यह अच्छा उदाहरण । भाजपा ने भी कोरोना के बीच अपना स्थापना दिवस मनाया ।
ये दुनिया के मेले
कभी कम न होंगे
अफसोस हम न होंगे ।
कोरोना की लड़ाई लड़ते रहिए और थक जाना नहीं तुम कहीं हार के ,,,