चमत्कार से कम नहीं सिंगापुर

एक छोटा, सुंदर और विकसित देश। सिंगापुर बीते दो दशक से पर्यटन और व्यापार का एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। अनायास नहीं है कि अर्थशास्त्रियों ने इसे ‘आधुनिक चमत्कार’ की संज्ञा दी है। ईमानदार, परिश्रमी, अनुशासित और लक्ष्य के प्रति समर्पित यहां के लोगों ने बमुश्किल चार दशक में ही अपने देश की संपन्नता एवं प्रगति की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।

कुमकुम झा

सिंगापुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों की बात करें, तो ये दर्जा आॅर्चर्ड रोड डिस्ट्रिक्ट को जाता है। बहुमंजिला शॉपिंग सेंटर्स की और होटलों की भरमार है। सिंगापुर के दूसरे आकर्षक पर्यटन स्थलों में सिंगापुर चिड़ियाघर और नाइट सफारी को शामिल किया जा सकता है, जहां पर्यटकों को एशियाई, अफ्रीकी और अमेरिकी जीवों को रात के अंधेरे में देखने का मौका मिलता है। गौर करने लायक बात यह है कि यहां पर्यटक इन जंगली जानवरों को पिंजरे के अंदर नहीं, बल्कि आमने-सामने देख सकते हैं। सिंगापुर चिड़ियाघर एक खास तरह का ओपन जू है, जहां जानवरों को पिंजरे के बजाए एक ऐसे घेरे में रखा जाता है, जिनके चारों ओर गहरी खाई बनी है। ये खाइयां सूखी अथवा पानी से भरी हो सकती हैं। जूरोंग बर्ड पार्क एक अन्य जूलॉजिकल गार्डन है जो पक्षियों पर केंद्रित है। यहां पर्यटकों को एक हजार फ्लैमिंगों पक्षियों के झुंड के अलावा दुनिया भर में पाए जाने वाले पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों और किस्मों को देखने का मौका मिलता है।
सेंटोसा द्वीप भी पर्यटकों के आकर्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां हर साल पचास लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। ये द्वीप सिंगापुर के दक्षिण में स्थित है और यहां फोर्ट सिलोसो जैसे 20-30 प्रसिद्ध स्थान हैं। फोर्ट सिलोसो को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी हमले से बचाव करने के लिए एक किले के रूप में बनाया गया था। फोर्ट सिलोसो में पर्यटकों को दूसरे विश्व युद्ध में इस्तेमाल की गई छोटी बंदूकों से लेकर 16 पाउंड यानी करीब सात किलो वजनी बंदूकें भी देखने को मिल सकती हैं। इसके अलावा इस द्वीप पर टाइगर स्काई टावर बनाया गया है, जहां से पूरे सेंटोसा द्वीप के साथ-साथ सेंटोसा ल्यूज का नजारा भी देखा जा सकता है। सेंटोसा ल्यूज में एक या दो लोग पैरों को सीधा आगे करके लेटते हैं और फिसलने का मजा लेते हैं।

सिंगापुर आएं और यहां का इतिहास नहीं जानें, तो बात नहीं बनती। 16वीं और 19वीं सदियों के बीच मलय द्वीपसमूह पर धीरे-धीरे यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों ने नियंत्रण कर लिया, जिसकी शुरुआत 1509 में मलक्का में पुर्तगालियों के आगमन के साथ हुई थी। पुर्तगालियों के प्रारंभिक प्रभुत्व को 17वीं सदी के दौरान डच लोगों द्वारा चुनौती दी गई, जिन्होंने इस क्षेत्र के ज्यादातर द्वीपों पर नियंत्रण कर लिया था। डच लोगों ने द्वीपसमूह के भीतर व्यापार पर एकाधिकार स्थापित कर लिया, विशेष रूप से मसालों के मामले में जो उस समय इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद था। अंग्रेजों के साथ-साथ अन्य औपनिवेशिक शक्तियों को अपेक्षाकृत एक मामूली उपस्थिति तक सीमित कर दिया गया था। 1818 में सर थॉमस स्टैमफोर्ड रैफल्स को बेनकूलेन पर ब्रिटिश कॉलोनी के लेफिटनेंट गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया। वे इस बात के लिए प्रतिबद्ध थे कि ग्रेट ब्रिटेन को द्वीपसमूह में प्रभुत्वशाली शक्ति के रूप में नीदरलैंड की जगह लेनी चाहिए, क्योंकि चीन और ब्रिटिश भारत के बीच वह व्यापार मार्ग द्वीपसमूह से होकर गुजरता था, जो चीन के साथ अफीम के व्यापार की शुरुआत की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया था। डच लोग डच-नियंत्रित बंदरगाहों में अंग्रेजों की गतिविधियों पर रोक लगाकर या उन्हें भारी टैरिफ देने के लिए मजबूर कर इस क्षेत्र में ब्रिटिश व्यापार का गला घोंट रहे थे। रैफल्स ने मलक्का के जलडमरूमध्य के साथ एक नए बंदरगाह की स्थापना कर डच लोगों को चुनौती देने की आशा व्यक्त की थी, जो भारत-चीन व्यापार के लिए जहाजों के गुजरने का प्रमुख मार्ग था। उन्होंने भारत के गवर्नर-जनरल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में अपने वरिष्ठ अधिकारी लॉर्ड हेस्टिंग्स को क्षेत्र में एक नया ब्रिटिश आधार बनाने के एक अभियान को वित्तपोषित करने के लिए राजी कर लिया।

रैफल्स 29 जनवरी 1819 को सिंगापुर आए और शीघ्र ही इस द्वीप को नए बंदरगाह के लिए एक स्वाभाविक पसंद के रूप में मान्यता दे दी। यह मलक्का जलडमरूमध्य के निकट मलय प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर पर स्थित है और यहां एक प्राकृतिक गहरा बंदरगाह, ताजे पानी की आपूर्ति और जहाजों की मरम्मत के लिए लकड़ियां उपलब्ध हैं। रैफल्स को एक छोटी-सी मलय बस्ती मिली, जिसकी आबादी कुछ सैकड़ों में थी, यह सिंगापुर नदी के मुहाने पर स्थित थी जिसका मुखिया तेमेंगोंग अब्दुर रहमान था। द्वीप पर जोहोर के सुल्तान तेंग्कू रहमान का नाम मात्र का शासन था, जिस पर डच और बुगिस लोगों द्वारा नियंत्रण कर लिया गया था। हालांकि, सल्तनत को गुटीय विभाजन से कमजोर कर दिया गया था और तेमेंगोंग अब्दुर रहमान तथा उसके अधिकारी तेंग्कू रहमान के बड़े भाई तेंग्कू हुसैन (या तेंग्कू लांग) के प्रति वफादार थे, जो निर्वासित होकर रियाऊ में रह रहे थे। तेमेंगोंग की मदद से रैफल्स हुसैन को तस्करी के जरिये सिंगापुर वापस लाने में कामयाब रहे। उन्होंने हुसैन को जोहोर के असली सुलतान के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा और उनके लिए वार्षिक भुगतान की व्यवस्था की। बदले में हुसैन ने अंग्रेजों को सिंगापुर में एक वाणिज्यिक बंदरगाह की स्थापना करने का अधिकार दिया। और, 6 फरवरी 1819 को एक औपचारिक संधि पर हस्ताक्षर किया गया और इस तरह आधुनिक सिंगापुर का जन्म हुआ।

सिंगापुर दुनिया का अनोखा देश है, जिसके पास ज्यादा संसाधन न होने के बावजूद दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था है। वो दुनिया में अहम कारोबारी स्थान रखता है। देश की 90 फीसदी आबादी के पास खुद अपना मकान है।आबादी के हिसाब से दुनिया में प्रतिव्यक्ति सबसे ज्यादा गाड़ियां हैं। तो दुनिया का सबसे व्यस्त और कमाने वाला बंदरगाह यहां है। सिंगापुर दुनिया के सबसे बेहतरीन और आधुनिक देशों में से एक। .यहां जमीन की बेहद कमी है इसलिए सड़कों पर हमेशा गाड़ियों का दबाव नजर आता है। लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पूरे सिंगापुर में…जब इन सकरी सड़कों पर जाम लगता है तो ये लोगों के लिए एक खबर होती है…हैरानी की बात होती है।सिंगापुर में जगह-जगह आपको इलेक्ट्रॉनिक रोड प्राइसिंग के बोर्ड लगे हुए नजर आएंगे…ये बोर्ड हर उस जगह पर लगाए जाते हैं जहां सिंगापुर प्रशासन को लगता है कि वहां जाम लग सकता है। ये एक चेतावनी की तरह होता है हर ड्राइवर के लिए। वहीं हर गाड़ी में एक सेंसर किट फिट की जाती है…जिसका कनेक्शन सीधे सिंगापुर परिवहन विभाग से जुड़ा होता है।

आधुनिक सिंगापुर का राष्ट्रपिता कहा जाता है ली कुआन यू को। शेर जैसे इस मुल्क को शेर जैसे इस नेता ने ही विकसित देशों की कतार में ला खड़ा किया। अपनी आजादी के वक्त सिंगापुर भारत से सिर्फ ढाई गुना ज्यादा अमीर था, लेकिन सिर्फ 40 साल की मेहनत के बाद सिंगापुर भारत से 15 गुना से भी ज्यादा अमीर हो गया है। इतना छोटा देश लेकिन इतने बड़े देश को आसानी से टक्कर। यकीनन सिंगापुर में रहने वाले भारतीयों का उसके विकास में अहम योगदान है, लेकिन सवाल ये कि क्या भारत सिंगापुर के सपनों को अपनी जमीन पर हकीकत में बदल पाएगा सिंगापुर ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि कोई भी देश आबादी और आकार से बड़ा या छोटा नहीं होता बल्कि उसके विकास का पैमाना, उसमें रहने वाले लोगों की जिंदगी होती है। आज सिंगापुर दुनिया की अर्थव्यवस्था का केंद्र है, शिक्षा का केंद्र है और अनुसंधान का केंद्र है। सिंगापुर की अर्थव्यवस्था 250 अरब अमेरिकी डॉलर की है। कारोबार करने में आसानी की रैंकिंग में सिंगापुर 10 साल तक नंबर एक रहा है। रेटिंग एजेंसियों की टॉप रेटिंग पर हमेशा सिंगापुर का कब्जा रहा है। वहीं, भ्रष्टाचार के पैमाने पर सिंगापुर एशिया में दूसरे नंबर पर है यानी यहां भ्रष्टाचार ना के बराबर। सख्त कानूनों के चलते बेईमान नेता और अफसर यहां रह नहीं पाते।

पर्यटकों का ख्याल रखते हुए सिंगापुर में मरीना बे, बुगीस स्ट्रीट, चाइनाटाउन, गेलैंग सराय, कांपोंग गेलाम, अरब स्ट्रीट, लिटिल इंडिया, नॉर्थ ब्रिज रोड, आॅर्चर्ड रोड और द सबर्ब्स जैसे शॉपिंग सेंटर विकसित किए गए हैं। सिंगापुर की कोशिश है कि वह दक्षिण-पूर्व एशिया में कारोबार का प्रमुख केंद्र बने और इसी को ध्यान में रखते हुए आॅर्चर्ड रोड डिस्ट्रिक्ट में एक विशाल इलाके को विकसित किया गया है। आॅर्चर्ड रोड पर कई बहुमंजिला शॉपिंग सेंटर्स स्थित हैं। इस इलाके में कई होटल भी हैं और ये डाउनटाउन कोर के अलावा सिंगापुर का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी खरीदारी के लिए आॅर्चर्ड रोड पर आते हैं। सिंगापुर के सबसे बड़े शॉपिंग सेंटर आॅर्चर्ड रोड के अलावा विवोसिटी ने भी 2006 में अपने शुभारंभ के बाद से लाखों लोगों को आकर्षित किया है।

सिंगापुर के हॉकर केंद्रों पर, खासकर पारंपरिक मलय हॉकर स्टॉल्स पर हलाल पकवान बेचे जाते हैं, जहां हलाल वर्जन के पारंपरिक तमिल और चीनी पकवान मिल सकते हैं। वहीं चाइनीज स्टालों पर मलय या भारतीय सामग्री, पकवान विधि या पूरा का पूरा पकवान भी उनकी कैटरिंग में देखा जा सकता है। कुछ पकवानों में इन तीनों संस्कृतियों का प्रभाव देखा जा सकता है, जबकि कुछ पकवानों पर शेष एशियाई देशों और पश्चिम का असर देखा जा सकता है। इन्हीं खासियतों ने सिंगापुर के पकवान को बेहद उन्नत और एक सांस्कृतिक आकर्षण बना दिया है। एशिया का आर्थिक केंद्र सिंगापुर जब रात में सो रहा होता है, तब कुछ लोगों के लिए शुरुआत होती है एक मिशन की। शहर को स्वच्छ बनाने की और उसे चमकाने की। ऐसी ही गार्बेज कलेक्शन वैन आपको सिंगापुर में रात को शहर के हर कोने में घूमती हुई दिख जाएंगी… डस्टबिन से कूड़ा उठाते हुए।

 

 

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