नई दिल्ली। सोनालीका ट्रैक्टर्स के निर्माता देश के सबसे युवा ट्रैक्टर ब्रांड इंटरनेषनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड (आईटीएल) जिसने होशियारपुर में दुनिया का नंबर 1 एकीकृत ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट तैयार किया है, ने अप्रैल से दिसंबर की अवधि में 63,205 ट्रैक्टर बेचे और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 15.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। इस अवधि में कंपनी ने 9,233 ट्रैक्टरों का निर्यात किया। दिसंबर महीने में बिक्री 10.7 फीसदी बढ़कर 4,516 ट्रैक्टर हो गई जो पिछले वर्श की समान अवधि में 4,080 ट्रैक्टर थी। कंपनी वित्त वर्श 2018 में अपनी वृद्धि दर को बनाए रखने को लेकर आषावान है।
इस वृद्धि के बारे में श्री रमन मित्तल, कार्यकारी निदेशक, सोनालीका आईटीएल ने कहा कि ’इस साल अच्छे मानसून की वजह से ट्रैक्टर उद्योग में तेजी देखने को मिली जहां सोनालीका ने अप्रैल-दिसंबर अवधि में 15.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की और बाजार हिस्सेदारी में इजाफा किया। देष ने इस दौरान दो प्रमुख नीतिगत बदलावों का सामना किया- नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर। नोटबंदी के बाद उद्योग में नवंबर 2016 के दौरान 13.5 फीसदी नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि सोनालीका में हम एक सरल इंवेंट्री ढांचे का पालन करते हैं और इस अवधि में हम अपने किसानों और चैनल साझेदारों से जुड़े रहे। नकदी प्रवाह की स्थिति में सुधार होने के साथ और अन्य कारकों के बेहतर होने के साथ ही किसानों ने एक बार फिर ट्रैक्टर खरीदने शुरू कर दिए। दिसंबर, 2016 में सुधार देखने को मिला जब उद्योग ने 7.7 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज करनी षुरू की और हम उद्योग के मुकाबले अधिक तेजी से 18 फीसदी की दर से बढ़ते रहे जिसके परिणामस्वरूप बाजार हिस्सेदारी हासिल की। जून, 2017 के दौरान ट्रैक्टर बिक्री में थोड़ी गिरावट देखने को मिली जब लोगों ने खरीदारी के निर्णय को टाल दिया और जीएसटी के लागू होने से पहले स्टाॅक खत्म करना षुरू कर दिया।’’
भारत के ट्रैक्टर क्षेत्र में असीम संभावनाओं को भुनाने की सोनालीका की रणनीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ’’भारत में ट्रैक्टर उद्योग के लिहाज से अपार अवसर हैं क्योंकि प्रति 1,000 हेक्टेयर पर 20 ट्रैक्टरों की उपलब्धता काफी कम है। जहां भारत में 6,70,000 गांव हैं वहीं उद्योग की बिक्री का आंकड़ा प्रति वर्श प्रति गांव एक बिक्री से आगे नहीं बढ़ पाता है, ऐसे में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। इन जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनालीका में हम न सिर्फ मेक इन इंडिया की अवधारणा में भरोसा करते हैं बल्कि पूरी दुनिया के किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से उत्पाद पेष कर ’’मेक क्वाॅलिटी इन इंडिया’’ में भी भरोसा करते हैं। बदलाव का प्रमुख वाहक होने के नाते नीति आयोग 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिषा में काम कर रहा है, सोनालीका में हम इस दृश्टिकोण की दिषा में लगातार काम कर रहे हैं और व्यापक षोध एवं विकास के माध्यम से हम आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ किसानों के लिए उपयोग उत्पाद तैयार कर रहे हैं।’’