2013 में आये प्राकृतिक आपदा में इसी विशाल पत्थर के खंड से गर्भगृह और मंदिर की रक्षा हो पायी थी .. जब बड़े-बड़े खंड पहाड़ से टूट कर गिरने लगे थे ..तब इसी शिलाखंड की वजह से मंदिर सुरक्षित रह सका .!! अब केदारनाथ बाबा के दर्शनार्थ आये भक्तगण ..इसी “भीमशील” को पूजते हैं .. इसके लिए किसी वेद , पुराण ,उपनिषद, गीता.. की आवश्यकता नहीं ..
सनातन में यही “आस्था” है .. जो आपको और आपके प्रिये को .. समाज को .. संकट ..विपदा से रक्षा करे .. सुख ..शांति.. समृद्धि .. स्वास्थ .. उन्नति दे. ..मोक्ष के मार्ग की तरफ ले जाये .. वो ईश्वर है ..वो पूजित है .. और यही भाव आस्था है .. वेद और पेगन धर्म का मूल यही है …