महिलाओं को सशक्त जीवन जीने के 5 तरीके

नई दिल्ली। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इसके साथ ही पूरी दुनिया का केंद्रण खुशी एवं महिलाओं की समानता पर है। आज के दिन महिलाओं, उनकी उपलब्धियों को सम्मानित किया जाता है व लैंगिक एकता व समानता को प्रोत्साहित किया जाता है। इस साल की थीम रुम्ंबीवितम्ुनंस है, जो लैंगिक रूप से समान एवं सशक्त दुनिया पर केंद्रित है। इस दिन न केवल महिलाएं एक साथ आकर खुशी मनाती हैं, बल्कि इसी दिन हर कोई एक साथ पुरुषों व सरकारों को विविधता व समावेशन पर केंद्रित अभियानों की ओर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि हर लिंग के हर व्यक्ति के लिए एक समान दुनिया का निर्माण हो सके।

महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए एक दिन पर्याप्त नहीं। महिला दिवस हमें केवल यह याद दिलाता है कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हम सभी को कहीं न कहीं से शुरुआत करनी होगी। आधुनिक महिला चाहे कामकाजी हो या सिंगल, मां हो या पत्नी या बेटी, उसका जीवन बहुआयामी होता है। ऐसी अनेक जिम्मेदारियां हैं, जो महिलाएं उठाती हैं, लेकिन उन्हें नजरंदाज कर उनका कोई हिसाब ही नहीं किया जाता। इनमें उसकी वर्क लाईफ, घरेलू कामों, घर की देखभाल, ग्रोसरी की शाॅपिंग, बच्चों व परिवार की देखभाल, डिनर बनाना आदि शामिल हैं। महिलाओं को सशक्त होना चाहिए और उन्हें एक समान आधार मिलना चाहिए, क्योंकि वो अब कमजोर नहीं। सशक्तीकरण छोटे व सार्थक प्रयासों से शुरू होता है, जो सकारात्मक परिवर्तन लाता है। अवीवा इंडिया की चीफ कस्टमर, मार्केटिंग, डिजिटल एवं आईटी ऑफिसर, मिस अंजली मल्होत्रा ने महिलाओं को पूरी तरह से सशक्त बनाने के कुछ आसान रास्ते बताए।

आत्मविश्वास बढ़ाएं

सशक्तीकरण अंदर से आता है और आपको यह स्वीकार करना चाहिए कि आप स्वस्थ आत्मसम्मान बनाए रखने के लिए जीवन में सशक्त हैं। महिलाओं के रूप में लिया जाने वाला पहला महत्वपूर्ण कदम आत्मविश्वास बढ़ाकर आत्मसम्मान हासिल करना, अपना महत्व समझना एवं अपनी देखभाल कर अपना सम्मान करना है। एक स्वस्थ आत्मसम्मान के विकास में अपनी अंदरूनी आवाज को शक्तिशाली बनाना तथा ज्यादा प्रभावशाली विचारों के साथ अपने सोचने के नजरिए को परिवर्तित करना शामिल है। आपको खुद में विश्वास का निर्माण करना एवं ज्यादा प्रभावशाली बनने के लिए कौशल सीखना आवश्यक है।

शिक्षा में निवेश

शिक्षा स्वयं एवं अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के सबसे महत्वपूर्ण माध्यमों में से एक है। शिक्षा, कौशल एवं आत्मविश्वास विकास की प्रक्रिया के महत्वपूर्ण अंग हैं। शिक्षा महिलाओं को चयन करने की शक्ति देती है, जिससे उनका कल्याण, स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित होती है एवं सतत परिवारों का विकास होता है। साथ ही शिक्षा महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक बनाती है, उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है और उन्हें अपने अधिकार हासिल करने का अवसर देती है।

फाईनेंशल प्लानिंग

आज की व्यस्त दुनिया में महिलाओं को एक सुरक्षित भविष्य के लिए फाईनेंशल प्लानिंग करना आवश्यक है। महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम समय तक काम कर पाती हैं, इसलिए उनकी बचत/निवेश के वर्ष भी कम होते हैं। उन्हें सम्माननीय, सुरक्षित व बहुमूल्य जीवन देने के लिए इश्योर्ड रहना एवं निवेश बहुत आवश्यक हैं। घर की महिला द्वारा अपने फाईनेंस की ठोस प्लानिंग से परिवार का फाईनेंशल प्लान मजबूत होता है और जीवन के महत्वपूर्ण खर्चों, जैसे घर खरीदना, बच्चों की उच्च शिक्षा की योजना आदि के खर्चों को पूरा करने में मदद मिलती है। फाईनेंशल प्लानिंग महिलाओं को किसी पर भी निर्भरता के बिना अपनी व्यक्तिगत एवं प्रोफेशनल महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। लाईफ इंश्योरेंस अच्छी फाईनेंशल प्लानिंग का पहला मौलिक ब्लाॅक है। टर्म इंश्योरेंस प्लान काफी किफायती होता है, लेकिन फिर भी यह इंश्योर्ड को विस्तृत सुरक्षा प्रदान करता है। उन्हें इंश्योर्ड भविष्य के लिए बच्चों की इंश्योरेंस, हैल्थ इंश्योरेंस प्लांस, म्यूचल फंड आदि में भी निवेश करना चाहिए।

सेहतमंद व चुस्त रहें

महिलाओं को एक सशक्त जिंदगी जीने के लिए अन्य जरूरतों, जैसे महिलाओं के स्वास्थ्य, हाईज़ीन व सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। खराब स्वास्थ्य व हाईज़ीन से अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिनमें स्कूल से दाखिला वापस ले लेना, लैंगिक असमानता, देश निर्माण में सहभागिता न कर पाना, स्वास्थ्य के जोखिमों की ऊँची दर आदि हैं। इसलिए एक संतुलित आहार एवं नियमित वर्कआउट, व्यायाम करना तथा एक सेहतमंद जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।

अपने अधिकारों को जानें

अनेक अपराध दर्ज ही नहीं हो पाते हैं क्योंकि महिलाओं को अपने अधिकारों का ही पता नहीं। बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि आप अपने कानूनी अधिकारों को जानें। भारतीय संविधान महिलाओं को अनेक अधिकार, जैसे मैटरनिटी बेनेफिट्स एक्ट, सैक्सुअल हैरासमेंट आॅफ वूमैन एट वर्कप्लेस, प्रोटेक्शन आॅफ वूमैन फ्राॅम डोमेस्टिक वाॅयलेंस, प्रोहिबिशन आॅफ चाईल्ड मैरेज़ एक्ट आदि प्रदान करता है। माँ, पत्नी, बेटी, कर्मचारी या महिला के रूप में ये अधिकार आपकी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं और आपको अपने अधिकार मालूम होने चाहिए।

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