World Environment Day : यूएनडीपी ने जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता के लिए कुतुबमीनार और सफदरजंग मकबरे को किया ‘डायनासोर’ से रोशन

नई दिल्ली। दिल्लीवासी इस सप्ताहांत उस समय एकदम आश्चर्यचकित रह गए जब भारत के प्रसिद्ध विरासत स्थलों—कुतुबमीनार और सफदरजंग मकबरे में एक असामान्य और दुर्लभ मेहमान ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। ‘फ्रेंकी’ द डाइनो इस संदेश के साथ इन ऐतिहासिक स्थलों पर पहुंचा कि हमारे पास केवल एक ही पृथ्वी है—इसको विलुप्त ना होने दें यह संदेश इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे एक एस्टेरॉयड के कारण डायनासोर विलुप्त हो गए थे, पर हम इंसान जलवायु परिवर्तन के रूप में अपने अंत की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।

फ्रेंकी द डाइनो संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मानव समाज से जलवायु परिवर्तन रोकने की कार्रवाई में तेजी लाने का आग्रह करने वाले एक वैश्विक अभियान ‘डोंट चूज एक्सटिंक्शन’ का शुभंकर है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यूएनडीपी इंडिया के इस अभियान ने भारत में दस्तक दी है।

फ्रेंकी द डाइनो नामक कैरेक्टर पर केंद्रित इस लघु फिल्म के हिंदी संस्करण का लॉन्च साइबरहब गुड़गांव में यूएनडीपी इंडिया की रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव सुश्री शोको नोडा, संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प और डीएलएफ साइबरहब और डीएलएफ होराइजन सेंटर के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट और सेंटर हेड की तरफ से किया गया। इसके लिए हिंदी वॉयसओवर प्राजक्ता कोली ने किया है जो एक्टर, यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर के अलावा यूएनडीपी की यूथ क्लाइमेट चैंपियन भी हैं।

भारत में यूएनडीपी की स्थानीय प्रतिनिधि सुश्री शोको नोडा ने कहा ‘जलवायु परिवर्तन आज तो अर्थव्यवस्था को बाधित करने के साथ लोगों, समुदायों और देशों को खासा प्रभावित कर ही रहा है, कल इसका असर और भी ज्यादा गंभीर होगा। फ्रेंकी को भारत लाकर हम लोगों को यह बताना चाहते हैं कि अब क्लाइमेट एक्शन का समय आ गया है! पृथ्वी को बचाने में हम सभी को एक अहम भूमिका निभानी चाहिए।’ आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट इस पर जोर देती है कि जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होगी। इसमें कहा गया है कि मानवीय गतिविधियां जलवायु परिवर्तन को बढ़ा रही है, जिसका महासागरों, वायुमंडल, बर्फ और पूरे जीवन चक्र पर ‘व्यापक और तीव्र’ असर पड़ रहा है। इसमें बताया गया है कि मानव गतिविधियों के कारण ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन ही 1850 से 1900 तक ग्लोबल वार्मिंग लगभग 1.1 डिग्री सेल्सियस बढ़ने के लिए जिम्मेदार है।

भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने कहा, ‘गुजरे समय का एक कैरेक्टर फ्रेंकी हमें यह याद दिलाने आया है कि अगर हमने अभी कार्रवाई नहीं की तो जलवायु परिवर्तन का हमारे जीवन पर कितना विनाशकारी असर होगा। फ्रेंकी और उसके दोस्तों के पास तो कोई विकल्प नहीं था, लेकिन हमारे पास है। हमारा रहन-सहन, हम क्या उपभोग करते हैं और क्या बर्बाद करते हैं, यही हमारे ग्रह के भविष्य को तय करेगा। हममें से हर कोई एक जलवायु चैंपियन हो सकता है और बदलाव के लिए प्रेरित कर सकता है। आइए पृथ्वी को विलुप्त करने वाला मार्ग न चुनें!’

फिल्म में, ‘फ्रेंकी’ द डाइनो प्रतिष्ठित विश्व नेताओं के ऐतिहासिक भाषणों के लिए ख्यात संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में प्रकट होता है। हैरान और हतप्रभ राजनयिकों और अन्य गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए फ्रेंकी कहता है कि जलवायु संकट के समाधान के लिए ‘अब समय आ गया है। मानव बहाने बनाना बंद करे और सही मायने में बदलाव लाना शुरू कर दे।’ 70 मिलियन वर्ष पहले इस प्रजाति के विलुप्त होने को लेकर प्रचलित अवधारणा का जिक्र करते हुए ये डायनासोर आगाह करता है, ‘हमारे पास तो कम से कम एक एस्टेरॉयड था।’ लेकिन, ‘तुम्हारे पास क्या बहाना है?’

 

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