बिल्डर-अफसर गठजोड बना मौत का कारण

ग्रेटर नोएडा। दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में कल रात नौ बजे दो इमारतें भरभराकर कर गिर गईं। पुलिस के मुताबिक एक चार मंजिला निर्माणाधीन बिल्डिंग के ऊपर एक छह मंजिला बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक बिल्डिंग में 10 परिवार रहते थे। रात भर से एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में लगी है और तीन लोगों का शव अब तक निकाला जा चुका है। इस हादसे के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में बिल्डर गौरीशंकर दुबे भी शामिल है। मलबे में दबे जिंदा लोगों की तलाश जारी है। इस काम में खोजी कुत्तों को भी लगाया गया है। कोई कह रहा है इमारत के नीचे पचास से ज्यादा लोग दबे हो सकते हैं, कोई कह रहा है 20 तो सिर्फ मजदूर ही होंगे तो कोई कह रहा है दस से ज्यादा परिवार रहते थे। पता नहीं चल पा रहा है असल में कितने लोग थे।
हादसा दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में हुआ है। इस इलाके में व्यापक तौर पर पांच और छह मंजिला मकान बनाए जा रहे हैं। 6 मंजिला मकान भी एक साल ही पुराना था। बगल में एक चार मंजिला बिल्डिंग निर्माणाधीन था और दोनों के बीच एक छोटी सी गली थी। 6 मंजिला मकान सामने की चार मंजिला इमारत पर इस तरह गिरी कि मकान के अंदर रह रहे लोगों के लिए बचकर निकलने का कोई मौका ही नहीं मिला।
मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने और बचाव कार्य के लिए कई थानों की फोर्स की तैनाती की गई है। जिले के आला अफसर भी मौके पर मौजूद हैं। बिल्डर के ख़िलाफ़ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है। एडीएम विनीत कुमार ने कहा कि बिल्डर ने सारी अनुमतियां पूरी की थी या नहीं, ये पता करने के लिए रेवेन्यू टीम को लगा दिया गया है। यह कहना मुश्किल है कि ढही इमारत में कितने लोग थे। बचाव कार्य खत्म होने में 24 घंटे से ज़्यादा का वक़्त लग सकता है।
शाहबेरी के जिस जगह पर ये घटना हुई है उस जगह पर एक दो नहीं सैकड़ों की संख्या में पांच मंजिला और छह मंजिला इमारते हैं। स्थानीय लोग कहते हैं ये हादसा प्रशासन और बिल्डरों के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है। स्थानीय लोगों की ओर से इस बारे में कुछ दिनों पहले ही स्थानीय प्रशासन को सूचित भी किया गया था।
इस चिट्टी में स्थानीय लोगों ने लिखा है, “गौतम बुद्ध नगर में सभी बिल्डरों द्वारा बिल्डिंग का निर्माण बिना कानूनी अनुमति से किया जा रहा है, जिसकी वजह से यहां के निवासियों को मूलभूत सुविधाएं, जैसे सड़क, नाली, सीवर की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में शाहबेरी गांव में गंदगी का अंबार लगता जा रहा है। बिल्डरों द्वारा सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बिल्डरों द्वारा स्थानीय निवासियों और आरडब्लूए को धमकी दी जाती है कि हमारी मर्जी हम जहां चाहे वहां मैटरियल डालेंगे। बिल्डर कहते हैं हमारी बड़े-बड़े अधिकारियों और नेताओं के साथ उठना-बैठना है।“
इस चिट्टी को पढ़कर समझा जा सकता है कि ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में क्या चल रहा है। बिल्डरों की कैसी दबंगई है और प्रशासन का हाथ बिल्डरों के साथ किस हद तक है। इस घटना को समझने के लिए इस इलाके की कहानी को समझना बहुत जरुरी है क्योंकि ये इलाका भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और बिल्डरों के लिए नोट छापने का कारखाना बन गया है। शाहबेरी की जमीन का अधिग्रहण ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने किया था जिसके विरोध में स्थानीय लोग कोर्ट पहुंच गए थे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शाहबेरी का अधिग्रहण रद्द हुआ था और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इलाके में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.