नई दिल्ली / टीम डिजिटल। बैंगलोर-स्थित युगल ज्योति पहाड़सिंह एवं अरुण बालचंद्रन ने 2015 में ग्रीनबग की षुरुआत की। वो घरों में प्लास्टिक के कचरे की थैली का विकल्प तलाष रहे थे। उस समय ईको-फ्रेंडली बैग्स का काॅन्सेप्ट बहुत षुरुआती चरण में था और युगल को कचरा फेंकने के लिए एक टिकाऊ एवं ईको-फ्रेंडली विकल्प की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने आॅल-पर्पज़ फ्लोर के लिए न्यूज़पेपर से बने अपसाईकल्ड, बायोडिग्रेडेबल डस्टबिन लाईनर्स बनाए। समाज को लाभान्वित करने के लिए ज्योति और अरुण ने निर्णय लिया कि वो सुविधाओं से वंचित महिलाओं को इस उत्पाद की निर्माण प्रक्रिया का प्रषिक्षण देंगे और उन्हें बेहतर आजीविका अर्जित करने में मदद करेंगे।
ग्रीनबग जैसे हैंडमेड काॅटेज इंडस्ट्री उत्पाद के लिए महिलाओं को इन गारबेज़ बैग्स के निर्माण की प्रक्रिया पर प्रषिक्षित करने की जरूरत थी। बिन लाईनर्स के उत्पादन एवं उसके प्रषिक्षण में लगने वाले प्रयास व समय को देखते हुए विषाल बाजार की पहुंच जरूरी थी। ग्रीनबग महिलाओं के साथ काम करता है और उन्हें पूरक आय का अतिरिक्त स्रोत एवं लचीलापन प्रदान करता है। पिछले 4 सालों में ग्रीनबग लगभग 400 महिलाओं को इन उत्पादों के निर्माण का प्रषिक्षण दे चुका है।
2017 में ग्रीनबग अमेज़न सहेली प्रोग्राम के द्वारा अमेज़न इंडिया के आॅनलाईन सेलिंग प्लेटफाॅर्म से जुड़ा। यह प्रोग्राम महिला उद्यमियों को अमेज़न.इन मार्केटप्लेस में सूचीबद्ध करने और बेचने का प्रषिक्षण देकर उन्हें सहयोग प्रदान करता है। अमेज़न पर लिस्टिंग के बाद इस स्टार्टअप के आॅर्डर एवं सेल्स में 3 गुना वृद्धि हुई। प्रारंभ में एक घरेलू प्रोजेक्ट के रूप में षुरु किया गया ग्रीनबग काफी विस्तृत हो गया और यह पूरे देष में लगभग सभी राज्यों पहुंचकर अपनी सेवाएं देने लगा।
अमेज़न सहेली की षुरुआत एक अग्रणी प्रोग्राम के रूप में हुई, जिसका उद्देष्य देष में महिला उद्यमियों को अमेज़न.इन पर अपने उत्पाद बेचने में समर्थ बनाना है। आज 100,000 से ज्यादा महिला उद्यमी अमेज़न सहेली प्रोग्राम द्वारा सषक्त बनी हैं। पिछले एक साल में देष में 20,000 से ज्यादा महिला उद्यमी इस कार्यक्रम में षामिल हुई हैं और वो 29 सिंतबर, 2019 से 4 अक्टूबर, 2019 तक चलने वाले अमेज़न ग्रेट इंडियन फेस्टिवल में पहली बार हिस्सा लेंगी। त्योहारों से पूर्व ग्राहक कुछ सबसे अद्वितीय उत्पाद जैसे ग्रीनबग आदि खरीद सकेंगे।
अरुण बालचंद्रन ने कहा, ‘‘अमेज़न सहेली प्रोग्राम द्वारा हम उपभोक्ताओं की मांग, डिज़ाईन, उत्पाद की विषेशताओं एवं सही मूल्य में पैकेजिंग और षिपिंग की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगी। इसके द्वारा 75 बैग्स का हमारा पैक निर्मित होगा तथा हमारा खर्च निकालकर हम ग्राहकों के लिए फायदेमंद सौदा निर्मित कर सकेंगे।’’ ज्योति पहाड़सिंह ने बताया, ‘‘अमेज़न सहेली स्टोरफ्रंट द्वारा ब्रांड की ज्यादा विज़िबिलिटी के कारण ग्रीनबग की सफलता की वजह से ग्रीनबग बैग्स की खरीद एवं इनके बारे में जागरुकता बढ़े हैं। इससे हमें सुविधाओं से वंचित महिलाओं को प्रषिक्षित करने एवं उनके साथ काम करने में मदद मिली है, जो काफी संतोशप्रद है।’’