Business News : भविष्य में रिजर्व बैंक अपनी उदारता में कमी लाने के दे सकता है संकेत

ज्योति रॉय, डीवीपी- इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट, एंजेल वन लिमिटेड

नई दिल्ली। इस बात की संभावना है कि आरबीआई वित्त वर्ष 2022 के लिए अपनी चौथी द्वि-मासिक एमपीसी बैठक में शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। आरबीआई से उम्मीद है कि वह ब्याज दरों को जस का तस रखेगा और अपना उदार रुख कायम रहेगा। बाजार को यह भी उम्मीद है कि निकट भविष्य में रिजर्व बैंक अपनी उदारता में कमी लाने के संकेत दे सकता है। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में हालिया उछाल चिंताओं का प्रमुख कारण है। ईंधन की उच्च कीमतों की वजह से मुद्रास्फीति को 6% से ऊपर धकेल सकती हैं जो कि रिजर्व बैंक के कम्फर्ट ज़ोन से ऊपर होगी। अगस्त 2021 में मुद्रास्फीति 6% से कुछ ही नीचे 5.3% हो गई है, आरबीआई ने अपनी पिछली एमपीसी बैठक में 2022 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति का औसत 5.8% रहने का अनुमान लगाया था। हालांकि, यदि ऊर्जा की कीमतें मौजूदा ऊंचे स्तरों पर बनी रहती हैं, तो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के लिए रिजर्व बैंक का 5.8% मुद्रास्फीति का अनुमान खतरे में पड़ सकता है।
इसलिए वैश्विक ऊर्जा कीमतों में उछाल और सिस्टम में अतिरिक्त तरलता को देखते हुए आरबीआई से फेस्टिव सीजन के बाद सिस्टम में तरलता को धीरे-धीरे सामान्य बनाने के लिए बाजारों को तैयार करने की उम्मीद की जा सकती है। इसके अलावा, अगस्त 2021 तक पूरे वर्ष के लक्ष्य के 31.1% वित्तीय घाटे के लक्ष्य के मुकाबले वित्त वर्ष 2021 के पहले पांच महीनों में 109.3% को देखते हुए, रिजर्व बैंक जीएसएपी कार्यक्रम के तहत जी-सेक की अपनी खरीद में धीरे-धीरे बाजार को तैयार कर सकता है, जिससे आगे चलकर वर्ष की दूसरी छमाही में उम्मीद से कम जी-सेक आपूर्ति की संभावना बढ़ सकती है।

 

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