चेन्नई। भारत सरकार की ‘मेक इन भारत’ पहल के अनुरूप, ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों में वैश्विक अग्रणी डैनफॉस ने अगले पांच वर्षों के भीतर भारत में स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की योजना बनाई है। देश में HVACR क्षेत्र का तेजी से विस्तार हो रहा है, इसलिए डैनफॉस के प्रबंधन ने स्थानीयकरण में वृद्धि एवं HVACR कम्प्रेसर, हीट एक्सचेंजर्स और कंट्रोल के लिए नई उत्पादन लाइनें शुरू करने के माध्यम से अपने ग्राहकों का समर्थन करने का जो निर्णय लिया है, उससे विश्व स्तरीय डैनफॉस समाधान तेजी से भारतीय बाजार में उतर सकेगा।
भारत में स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने हेतु निवेश करने का निर्णय भारतीय बाजार के लिए आयात पर कंपनी की निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। इससे स्थानीय आपूर्तिकर्ता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण/मजबूतीकरण में भी सहायता मिलेगी, जो डैनफॉस के समाधानों की बढ़ती बाजार मांगों को पूरा करने की एक पूर्वोपेक्षा है। यह डैनफॉस भारत के विनिर्माण परिदृश्य में एक बड़ा मुकाम है और इस प्रकार इसके “मेक इन भारत” पोर्टफोलियो में अधिक टिकाऊ, कुशल और किफायती कूलिंग समाधान शामिल हो सकेंगे।
Kristian Strand, President, Danfoss Commercial Compressors, Denmark, ने जोर देते हुए कहा, “भारत हमारी वैश्विक रणनीति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और कई वर्षों से रहा है। हम इस क्षेत्र में विकास और सतत नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, खासकर HVACR क्षेत्र में तेजी से विकसित हो रहे बाजार की गतिशीलता को देखते हुए। हमारे कंप्रेसर उत्पादन को स्थानीयकृत करने का हमारा लक्ष्य केवल स्थानीय मांग को पूरा करने तक ही सीमित नहीं है। यह स्थानीय आपूर्तिकर्ता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने एवं हमारे वैश्विक जलवायु समाधान प्रचालन में एक की प्लेयर के तौर पर भारत के भविष्य में दीर्घकालिक निवेश करने के बारे में भी है। यह रणनीतिक निर्णय भारत की क्षमताओं में हमारे विश्वास एवं डैनफॉस भारत की वृद्धि और विकास में योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।”
डैनफॉस के कंप्रेसर, हीट एक्सचेंजर्स और कंट्रोल्स की रेंज भारत में ग्राहकों की लगभग 60-70% आवश्यकताओं को पूरा करती है, जो बाजार की मांगों को पूरा करने हेतु ग्राहकों के करीब रहने की इसकी प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
कंपनी का लक्ष्य अपने रणनीतिक पहल के रूप में चरणबद्ध तरीके से विभिन्न उत्पाद खंडों में अपने स्थानीयकरण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। इस साल की शुरुआत में डैनफॉस भारत ने अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी, इसका लक्ष्य स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने, स्थानीय प्रतिभाओं का लाभ उठाने और उन्हें विश्व के लिए सक्षम ग्रीन प्रोफेशनल्स में बदलने तथा भारत के लिए अधिक समाधान उपलब्ध कराने के साथ क्षेत्र में कंपनी के भौगोलिक पदचिह्न का विस्तार करने का है। इस निवेश से यह भी सुनिश्चित होगा कि डैनफॉस अपनी ‘मेक इन भारत’ महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की राह पर बने रहते हुए भू-राजनीतिक बदलावों और उभरते व्यावसायिक अवसरों के प्रति प्रतिस्पर्धी और उत्तरदायी भी बना रहे।
Ravichandran Purushothaman, President – Danfoss India Region, ने कहा, “भारत के प्रति डैनफॉस की प्रतिबद्धता अटूट है एवं हमें डैनफॉस भारत टीम की विशाल क्षमता पर दृढ़ विश्वास है कि यह राष्ट्रीय तथा वैश्विक बाजारों के लिए एक बेहतरीन विनिर्माण पॉवरहाउस बनेगा। स्वदेशी प्रतिभाओं को बढ़ावा देकर एवं एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेशन में अपनी स्थानीय उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाकर, हमारा लक्ष्य भारतीय बाजार में यूरोपीय गुणवत्ता वाले उत्पाद और समाधान जल्द उपलब्ध कराना है।”
इसके अलावा, डैनफॉस भारत में उद्योग के भविष्य को गति देने के लिए अधिक ग्रीन प्रोफेशनलों का निर्माण करने के लिए समर्पित है: डैनफॉस अपने विश्वविद्यालय सहभागिता कार्यक्रमों और सीएसआर पहलों के माध्यम से पूरे भारत में चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहा है, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना में सहयोग कर रहा है और क्षेत्रीय प्रतिभाओं को पोषित करने, इंजीनियरिंग तथा प्रबंधन क्षेत्र के अंतर्गत स्थिरता पर अध्ययन को बढ़ावा देने, HVACR क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने एवं देश और दुनिया के लिए भविष्य के ग्रीन प्रोफेशनल, इंजीनियर, तकनीशियन और सेवा कर्मचारी तैयार करने के लिए अनुसंधान केन्द्रों की सहायता कर रहा है। कंपनी रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग से संबंधित पाठ्यक्रमों का समर्थन करने के लिए सरकारी आईटीआई और ग्रामीण सामुदायिक कॉलेजों के साथ भी सहयोग करती है ताकि सेवा तकनीशियन स्तर से लेकर उद्यमियों और उद्योग के सफेदपोशों तक एक कुशल HVACR समुदाय का निर्माण किया जा सके।
Mr Madhur Sehgal, Head of Climate Solutions, Danfoss India Region, ने कहा, “हमारे विविध कम्प्रेसर पोर्टफोलियो और आरएसी कंट्रोल्स का स्थानीयकरण निश्चित रूप से भारतीय HVACR उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव होगा। इसे स्थानीयकृत करने का कदम उठाकर हम एक स्थानीय आपूर्तिकर्ता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना चाहते हैं, जो हमारे ‘मेक इन भारत’ महत्वाकांक्षाओं को सफल बनाने, हमारे ग्राहकों को उनकी कूलिंग और डीकार्बोनाइजेशन यात्रा में सहायता करने और एक सतत भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में भारत के हरित परिवर्तन में योगदान करने हेतु एक पूर्वोपेक्षा है। हम अत्याधुनिक उत्पादों की तेज़ डिलीवरी और ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने पर अधिक ध्यान देंगे।”