नई दिल्ली: इस पृथ्वी दिवस पर, भारत का प्रकृति-आधारित पर्सनल केयर ब्रांड atulya एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी साझा कर रहा है जो सिर्फ स्किनकेयर तक सीमित नहीं है—बल्कि यह टिकाऊपन, सशक्तिकरण और पृथ्वी के प्रति सम्मान की भावना से गहराई से जुड़ी है। जैसे-जैसे जागरूक सौंदर्य की चर्चा तेज़ हो रही है, atulya अपने सिद्धांतों और कार्यों के माध्यम से उदाहरण पेश कर रहा है—भारतीय किसानों को सशक्त बनाना, पर्यावरण-अनुकूल पद्धतियों को अपनाना और अपने पूरे उत्पाद श्रृंखला में टिकाऊ स्त्रोतों से सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
atulya भारत भर के छोटे स्तर के, नैतिक खेती करने वाले किसानों से सीधे अपने उत्पादों की सामग्रियाँ प्राप्त करता है। यह“फार्म से फार्मूलेशन तक”मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि हल्दी हो या गुलाब की पंखुड़ियाँ—हर वनस्पति बिना हानिकारक रसायनों के और मिट्टी व स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के सम्मान के साथ उगाई गई हो। इस प्रक्रिया से atulya न केवल अपने उत्पादों की शुद्धता को सुनिश्चित करता है, बल्कि किसानों को उचित मूल्य, दीर्घकालिक सहयोग और आजीविका के अवसर भी प्रदान करता है। सिर्फ स्रोत तक ही सीमित नहीं, atulya की निर्माण इकाइयाँ भी वर्षा जल संचयन और पर्यावरण-संवेदनशील अपशिष्ट प्रबंधन जैसी टिकाऊ पद्धतियों का पालन करती हैं।
कच्चे माल के पीछे की झलकियाँ, खेतों से जुड़ी कहानियाँ, नैतिक फ़ॉर्मूलेशन की झलक और ब्रांड के दीर्घकालिक टिकाऊ दृष्टिकोण को साझा करते हुए atulya यह दर्शाता है कि सौंदर्य न केवल दिखावे के लिए, बल्कि पृथ्वी और उसे पोषित करने वाले लोगों के लिए भी एक सकारात्मक शक्ति हो सकता है।