पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार अभियान ने मंगलवार को चरम पकड़ लिया। प्रचार के आखिरी दिन सियासी बयानों के तीर चारों ओर चले, जिससे चुनावी माहौल पूरी तरह गर्मा गया। एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने विपक्ष पर तीखे हमले बोले, तो दूसरी ओर राहुल गांधी ने भी पलटवार करते हुए नीतीश कुमार और भाजपा पर निशाना साधा।
दरभंगा में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “छह नवंबर को अगर ज़रा सी भी गलती हुई, तो हत्या, लूट, अपहरण और वसूली फिर से बिहार की पहचान बन जाएगी।” उन्होंने जनता से अपील की, “लालू-राबड़ी के जंगलराज की वापसी रोकने के लिए ‘कमल’ का बटन दबाएं।” शाह ने मिथिलांचल के लिए 26,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की और कहा, “बाढ़ नियंत्रण, सड़क विकास और सिंचाई की नई योजनाओं से अब बिहार आत्मनिर्भर बनेगा।”
समस्तीपुर में योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “अब बिहार में भी माफियाओं पर बुलडोजर चलेगा और उनकी संपत्ति गरीबों में बांटी जाएगी, यही सच्चा न्याय है।” योगी ने कहा कि “राजग सरकार ने विकास और विरासत का ऐसा संतुलन स्थापित किया है, जिस पर पूरा देश गर्व करता है।”
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वैशाली में नीतीश कुमार की ईमानदारी को बिहार के सुशासन की पहचान बताया। उन्होंने कहा, “संप्रग सरकार के समय बिहार को सिर्फ़ दो लाख करोड़ मिले थे, जबकि मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये दिए हैं।”
दूसरी तरफ, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने औरंगाबाद में नीतीश कुमार को भाजपा का “बंधक मुख्यमंत्री” करार दिया। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार अब अपने फैसले नहीं लेते, दिल्ली से आदेश आता है और वही लागू होता है।” राहुल ने भाजपा पर “वोट चोरी की साजिश” का आरोप लगाया और कहा, “युवाओं को बेरोजगारी से भटकाने के लिए मोदी जी रील्स और नशे की बात करते हैं।”
बिहार का चुनावी रण अब निर्णायक मोड़ पर है — एक ओर मोदी-शाह-योगी-राजनाथ का “विकास, सुशासन और आस्था” का एजेंडा है, तो दूसरी ओर राहुल गांधी का “रिमोट कंट्रोल और वोट चोरी” का आरोप।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 6 नवंबर को जनता किस बटन पर विश्वास जताती है — ‘कमल’ पर या ‘महागठबंधन’ की वापसी पर।

