हर भारतीय को मिलकर हराना होगा कोरोना को: सुब्रत राय

नई दिल्ली। भारत में प्रमुख व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहाराश्री सुब्रत रॉय सहारा ने एक व्यक्तव्य जारी कर हर एक भारतीय से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई सिर्फ सर्कार के नहीं बल्कि हम सब भारतीयों को एकजुट होकर इस महामारी को हारने में बराबर की ज़िम्मेदारी निभानी होगी।

सहाराश्री ने अपने व्यक्तव्य में जोर दिया कि हम सबको यह समझना होगा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई संपूर्ण मनुष्य जाति कि है।मनुष्य जाति के हर सदस्य कि लड़ाई है। इस लड़ाई में हर व्यक्ति सिपाही है। हर व्यक्ति की कोई न कोई जिम्मेदारी और महत्वूर्ण भूमिका है। उन्होंने यह भी कह कि अगर हम सब यह मान लेंगे कि जो कुछ करना है वह सर्कार को करना है, अस्पतालों और डॉक्टरों को करना है, पुलिस और प्रशासन को करना है, तो यकीन मानिए हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई हार जाएंगे। अगर हमें कोरोना को हराना है तो हमें भी स्वयं को एक सिपाही मानना होगा। हम जहां भी है और जैसे भी हैं, हमें वहीं अपनी भूमिका निभानी होगी।

कोरोना की महामारी ने समूची दुनिया को हिलाकर रख दिया है। अमेरिका, इंग्लैंड, इटली, फ्रांस, स्पेन जैसे देशों में इसका कहर काबू से बाहर हो रहा हैं। दुनिया में संक्रमित लोगो की संख्या लाखों में हो गयी है। इससे मरने वालों की संख्या एक लाख से पार हो गयी है। हमारे प्यारे देश भारत में भी यह तेजी से फैल रहा है। लॉकडाउन का यह दूसरा चरण पुरे देश के लिए, देश के एक-एक नागरिक के लिए, बहुत ही महत्वूर्ण है। इस लॉकडाउन में हमें कोरोना को काबू में करना होगा।

यह बेहद कठिन दौर है। इंसान खतरे में है, इंसानियत खतरे में है, मैं सभी से अपील करता हुं कि कोरोना के खतरे को समझें।आपका चाहे कोई भी धर्म हो, कोई भी सप्रदाय हो, कोई भी मजहब हो, सबको इसके ऊपर उठना जरुरत है। इस समय हम सबका मजहब इंसानियत ही होना चाहिए। इंसानो को बचाना होना चाहिए। हुमारे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है। अगर लॉकडाउन नहीं करते तो हमारे यहाँ हालत बहुत हे बुरे होते।

लॉकडाउन के दौरान घर में रहें। सर्कार जो भी दिशा-निर्देश जारी कर रहें है उनका कड़ाई से पालन करें। डॉक्टर, नर्स, पुलिस-प्रशासन के लोग आगे रहकर कोरोना से लड़ रहें है। ये हमारे जीवन बचाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगा रहे है। इन लोगों का साथ दें। तन-मन-धन से साथ दें। हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, लेकिन इमोशनल डिस्टेंसिंग न होने दें। टेलीफोन एवं इंटरनेट के जरिए अपनों से संपर्क बनाये रखें। भावनाए बहुत बड़ा संबल होती है। जब हम कोरोना को हरा देंगे तो जिंदगी कि एक नयी शुरुआत करेंगे। सब मिल-जुलकर एक-दूसरे के साथ देंगे और पहले से भी मज़बूत भारत का निर्माण करेंगे।

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