नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट को अंतिम रूप देने से पहले 26 जनवरी को हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। कोरोना महामारी की वजह से पिछले 2 साल से बजट से पहले हलवा सेरेमनी को खत्म कर दिया गया था। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में 26 जनवरी को परंपरागत हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय बजट 2023-24 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया के अंतिम रूप देने से पहले हलवा सेरेमनी समारोह नॉर्थ ब्लॉक के अंदर स्थित बजट प्रेस में आयोजित किया जाएगा।
The Halwa ceremony, marking the final stage of the Budget preparation process for Union Budget 2023-24, will be held tomorrow in the presence of Union Finance & Corporate Affairs Minister Smt. @nsitharaman, in the Budget Press situated inside North Block. (1/4) pic.twitter.com/PZJuyk6R5x
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 25, 2023
कोरोना महामारी की वजह से पिछले 2 साल से नहीं हो पाई थी बजट से पहले हलवा सेरेमनी
मंत्रालय के जारी बयान के मुताबिक पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह इस बार भी केंद्रीय बजट कागज रहित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्रालय ने बताया कि बजट दस्तावेज एक फरवरी को संसद में वित्त मंत्री के बजट भाषण पूरा होने के बाद Android और Apple OS दोनों प्लेटफार्मों पर “केंद्रीय बजट मोबाइल ऐप” पर उपलब्ध होंगे। हलवा सेरेमनी समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, वित्त मंत्रालय के सचिवों के अलावा वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय बजट प्रेस के सदस्य शामिल होंगे।
क्या है हलवा सेरेमनी
दरअसल, भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत मीठा खाकर ही जाती है। इस वजह से आजादी के बाद से ही बजट पेश होने से पहले से हलवा सेरेमनी मनाई जाती है। हलवा सेरेमनी वित्त मंत्रालय के 10 नार्थ ब्लॉक स्थित परिसर में मनाई जाती है। हलवा सेरेमनी का आयोजन हमेशा बजट की तैयारी पूरी होने के बाद किया जाता है। इस कारण हलवा सेरेमनी को बजट पूरा होने का भी सूचक माना जाता है। बजट से जुड़ी जानकारी लीक न जाए, इसके लिए हलवा सेरेमनी पूरी होने के बड़े अधिकारियों समेत कर्मचारी वित्त मंत्रालय के परिसर में ही रहते हैं और वित्त मंत्री की ओर से बजट पेश होने के बाद ही निकलते हैं।