गर्लियापा स्पाॅटलाइट का मानव तस्करी पर वीडियो


नई दिल्ली / टीम डिजिटल। मानव तस्करी सबसे घ्रणित अपराधों में से एक है। यह न केवल अमानवीय है, बल्कि मानव अधिकारों का उल्लंघन भी करता है। गैरकानूनी हाने के बावजूद भारत में बच्चों का शोषण कमर्शियल उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर हातेा है। इस अपराध पर प्रकाश डालने के लिए टीवीएफ का अभियान, गर्लियापा स्पाॅटलाइट इस पर ध्यान दे रहा है।
इंटरनेशनल जस्टिस मिशन  (आईजेएम) द्वारा निर्मित लटेेस्ट वीडियो में मानव तस्करी पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें एक स्कूल जाने वाली भोली-भाली बच्ची को धोखा देकर उस पर अत्याचार व शोषण किया जाता है। डिजिटल स्पेस में विज्य़ुअल हलचल मचाकर इस प्लेटफाॅर्म की मजबूत मैसेिजंग इस गंभीर विषय के प्रदर्शन के लिए अभिनव तरीकों का इस्तेमाल कर रही है, जिससे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा ।


विविध फाॅर्मेट्स द्वारा गर्लियापा स्पाॅटलाइट ऐसी कहानियां प्रस्तुत करेगा, जो अद्वितीय रूप में सामाजिक रूप से उपयागी होंगी । उनका उद्देश्य दर्शकों पर एक स्थायी प्रभाव उत्पन्न करना है।

गर्लियापा स्पाॅटलाइट अभियान के तहत प्लेटफाॅर्म द्वारा इससे पूर्व उठाई गई प्रमुख सामाजिक समस्याओं में बाल श्रम, माहवारी के दौरान स्वास्थ्य, एलजीबीटीक्यूआईए  (LGBTQIA+) अधिकार हैं। इन्हें  वीडियो स्टिल इमेज, व्याख्या, विवरण आदि द्वारा उठाया गया। हाल ही में भारतीय कॉलेजों में भारत के पहले जेंडर न्यूट्रल टाॅयलटे्स के लिए अभियान चलाया गया। इंटरसेक्स वर्कर, डेनियल मेडोंका ने अद्वितीय हाने का क्या मूल्य चुकाना पड़ता है, इस बारे में दर्शकों को जानकारी दी और अपनी यात्रा के बारे में बताया। लोकप्रिय टीवीएफ कलाकार, जैसे अहसास चन्ना, खुशबू बैद भी पिछले वीडियो का हिस्सा थे।


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