ग्लोबल रिकवरी को देखते हुए क्रूड और सोने की कीमतों में तेजी

नई दिल्ली। दुनियाभर की सरकारों ने लॉकडाउन हटाने की दिशा में कदमताल शुरू कर दी है। ऐसे में कमोडिटीज के प्रति निवेशकों में नई उम्मीद जागी है। अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की योजना घोषित की है, जिससे वैश्विक कमोडिटी बाजार में सकारात्मक संकेत गए हैं।

सोना

बुधवार को स्पॉट गोल्ड की कीमतें 0.22 प्रतिशत ऊपर बंद हुई क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी ब्याज दरों को शून्य के आसपास रखा और कहा कि वह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए साधनों की फुल रेंज का इस्तेमाल करेगा। कोविड-19 की संभावित दवा की उम्मीद के बीच कई देशों में लॉकडाउन में ढील की उम्मीद ने निवेशकों के बीच जोखिम लेने की भूख को बढ़ावा दिया। सेफ-हैवन संपत्ति के तौर पर गोल्ड के लिए अपील को कायम रखा। अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों ने कोरोनोवायरस संबंधित लॉकडाउन को आंशिक रूप से शिथिल करने का फैसला किया, जिसने बाजार सेंटिमेंट का सपोर्ट किया। हालांकि, अमेरिका, जापान, यूरोप और चीन द्वारा वायरस से निपटने और इसके द्वारा किए गए आर्थिक नुकसान को सीमित करने के लिए किए गए राजकोषीय और मौद्रिक उपायों के कारण गिरावट सीमित रही।

चांदी

बुधवार को स्पॉट सिल्वर की कीमतें 1.12 प्रतिशत घटकर 15.4 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बंद हुईं जबकि एमसीएक्स पर कीमतें 0.15 प्रतिशत कम होकर 41,775 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं।

कच्चा तेल

कच्चे तेल की कीमतों में बुधवार को 22 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई और यह 15.1 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। यह रिकवरी अमेरिकी क्रूड इन्वेंट्री के स्तर में उम्मीद से कम वृद्धि के कारण थी, खासतौर से चीन और दुनिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मांग में रिकवरी को देखते हुए। एनर्जी इंफर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्टों के अनुसार अमेरिकी क्रूड इन्वेंट्री का स्तर पिछले सप्ताह सिर्फ 9 मिलियन बैरल बढ़ा जबकि बाजारों में 10.6 मिलियन बैरल बढ़ने की उम्मीद थी। हालांकि, इससे पहले के कारोबारी सत्रों में यू.एस. डिलीवरी पॉइंट्स में तेजी से भरने वाली स्टोरेज कैपेसिटी और कमजोर वैश्विक मांग ने साथ मिलकर क्रूड ऑयल की कीमतों पर दबाव जारी रखा। बाजार को उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में कई देशों में लॉकडाउन खत्म होगा या शिथिल होगा  क्योंकि दुनियाभर में कोरोनोवायरस से जुड़ी चिंताएं कम हुई हैं। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने कोरोनोवायरस संबंधी लॉकडाउन को धीरे-धीरे शिथिल करने की घोषणा की है।

बेस मेटल्स

प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में कोरोनावायरस से संबंधित लॉकडाउन में ढील की उम्मीद से औद्योगिक धातुओं की मांग में सुधार हुआ और इससे बुधवार को लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल की कीमतें पॉजीटिव ज़ोन में नजर आई। इसके अलावा चीन में मैन्यूफेक्चरिंग गतिविधियों में लगातार दूसरे महीने यानी अप्रैल 2020 में भी वृद्धि दर्ज की गई है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा धातु उपभोक्ता है और इसकी अर्थव्यवस्था में मांग सुधरने से धातु की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बुधवार को ज़िंक की कीमतों को भी कुछ सपोर्ट मिला क्योंकि पिछले सप्ताह सप्लाई की कमी के संकेत मिलने पर इसके ट्रीटमेंट चार्जेस में गिरावट आई है। महामारी ने वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है, जिसके कारण वैश्विक ज़िंक मार्केट में आपूर्ति थम गई है।

 

कॉपर

बुधवार को एलएमई कॉपर की कीमतें 0.73 प्रतिशत बढ़कर बंद हुईं क्योंकि वैश्विक स्तर पर आपूर्ति में कमी के कारण लाल धातु की कीमतों को सपोर्ट मिला। हालांकि, महामारी के कारण आर्थिक नुकसान से जुड़ी चिंताओं और संभावित मंदी की आशंका ने कीमतों में गिरावट बनाए रखी।

 

 

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