हिंदुस्तान कोका-कोला ब्रेवरेजेस ने डासना में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

डासना। एफएमसीजी कंपनियों में से एक एचसीसीबी (हिंदुस्तान कोकाकोला ब्रेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड) ने अपने सहयोगियों और कम्युनिटी के सदस्यों के साथ अपनी फैक्ट्रियों और गोदामों में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। डासना में टीम ने साथ मिलकर तीन हजार से ज्यादा पौधे लगाए। एचसीसीबी की 18 फैक्ट्रियों में 8 हजार से ज्यादा पौधे लगाने (पूरे सप्‍ताह) का अभियान चलाया गया। कंपनी में हर सहयोगी के लिए प्रतीक रूप में एक पेड़ लगाया गया।

एचसीसीबी ने पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा को बड़े पैमाने पर अपनाया है। इन फैक्ट्रियों में ऊर्जा के क्षेत्र में की गई पहल, जैसे सौर ऊर्जा, पवन चक्की, ईंधन के रूप में कोयले की धूल (ब्रिकेट्स) और सीएनजी से 40 फीसदी ऊर्जा का उत्पादन होता है। 70 फीसदी से ज्यादा फैक्ट्रियों में 100 फीसदी एलईडी का उत्पादन होता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आई है। पिछले 2 सालों में कंपनी के अवशिष्ट पदार्थों या कचरे के उत्पादन में 20 फीसदी कमी आई है। फैक्ट्रियों में हरेक लीटर कोका कोला का उत्पादन सुधारी गई क्षमता, नई तकनीक और अच्छी तरह से पारिभाषित अलगाव के तरीकों से किया जाता है।

फैक्ट्री  मैनेजर रमन गोयल ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए परंपरागत तरीकों को अपनाने की जगह विरासत में मिले उन तरीकों को छोड़ने की कोशिश के प्रति प्रतिबद्धता जताई, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, “एचसीसीबी में हम वाकई पर्यावरण के अनुकूल स्थिर निर्माण की तकनीक को अपनाने पर बल देते हैं। दूसरी पहलों के साथ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए चलाया गया पौधारोपण अभियान बेहतर भविष्य के निर्माण के प्रति हमारा छोटा सा योगदान है।“

विश्व पर्यावरण दिवस स्पष्ट रूप से हमारा ध्यान बड़ी संख्या में मौजूद उन मुद्दों की ओर आकर्षित करता है, जिन पर एक समुदाय के रूप में हमें विचार-विमर्श करने की जरूरत है। ऊर्जा उत्पादन के लिए स्थिर तकनीक के इस्तेमाल से पहले देश को 1.3 बिलियन लोगों तक सस्ती बिजली पहुंचाने के लिए देश को बड़ी मात्रा मे कोयले को जलाने का जिम्मेदार माना जाता है, जिससे बड़े पैमाने पर देश के विशाल क्षेत्रों में प्रदूषित हवा फैलती थी।

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एचसीसीबी की ओर से कई पहलें की गई हैं। कंपनी ने अपने पावर बॉयलर में कृषि संबंधी अवशिष्ट पदार्थों, जैसे मूंगगली और नारियल के गोले से बनाए जाने वाले बिक्रेट्स को ईंधन के विकल्प के रूप में अपनाया है। इसके अलावा छत पर बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं। ऊर्जा के उत्पादन के लिए पर्यावरण के अनुकूल तकनीक अपनाई गई है। कंपनी ने हाई स्पीड मैन्युफैक्चरिंग लाइन में भी काफी निवेश किया है। यह इस तरह के ऐसे दूसरे उदाहरण हैं, जिससे कंपनी ऐसी स्थिति में पहुंच गई है, जहां से वह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अलग हटकर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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