सुरक्षा आवास की: होम इंश्योरेंस कराने की जरूरत क्यों?

नई दिल्ली। अगर आप गूगल पर ‘Fire Home’ या ‘Home Fire’ सर्च करें, तो गूगल आपको उससे मिले-जुले ‘घर पर आग लगने पर क्या करें’, ‘घर पर आग लगने पर कहां जाएं’, ‘घर पर 10 फायर सेफ्टी टिप्स’, ‘आग की रोकथाम’, ‘अग्नि-शामक यन्त्र’, ‘घर में लगने वाली आग’, ‘घर पर आग लगने से रोकने के 5 तरीके’ और ‘घर पर आग तापमान सेल्सियस’ जैसे 8 और सुझाव सर्च करने के लिए देगा!
इनमें से कुछ आग की स्थिति से बचने के लिए लोगों की तैयारी को तो दिखाती हैं, लेकिन साथ ही समाज में व्याप्त एक समस्या की ओर भी इशारा करती है कि आग के बाद के प्रभाव से घर को सुरक्षा प्रदान करना संभवतः लोगों की प्राथमिकता में नहीं है!
यही कारण है कि भारत में गृह बीमा की कवरेज लगभग 1% ही है, और एक अकेली मानव निर्मित या प्राकृतिक आपदा लोगों की वित्तीय स्थिति में उथल-पुथल ला सकती है!
दिल्ली-एनसीआर में हुई हालिया घटना में एक घर में लगी भयंकर आग में एक ही परिवार के चार लोगों की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि दो सदस्य गंभीर रुप से घायल हुए और आर्थिक दृष्टि से भी प्रभावित हुए।
“ऐसी घटनाएं हमें मानव जीवन की क्षण-भंगुरता की याद दिलाती हैं। साथ ही ये हमें घटना के बाद जीवित रह गए परिजनों पर पड़ने वाले असहनीय आर्थिक और भावनात्मक बोझ का भी अहसास कराती हैं। ऐसी स्थिति में भावनात्मक रिक्तता को भरना तो असंभव है, लेकिन हमारे हाथ में ऐसे विकल्प हैं कि हम आर्थिक तौर पर ऐसी परिस्थिति का सामना कर सकें,” इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-मार्केटिंग सुश्री निहारिका सिंह ने कहा।
भूकंप, तूफान, चक्रवात, टाइफून, आंधी, तूफान, बवंडर, सुनामी, बाढ़, जलप्लावन, बिजली, भूस्खलन, और आतंकवादी कृत्य, दंगे, हड़ताल, दुर्भावनापूर्ण क्षति, बुश फायर, जंगल की आग, सिविक अथॉरिटी की कार्रवाई से होने वाली क्षति आदि जैसी अन्य प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं को ध्यान में रखते हुए इफ्को टोकियो ने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडई) के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत एक ऐसी बीमा पॉलिसी तैयार की है, जो आग की अलग (डी-बंडल्ड) कवरेज के साथ आती है, और बीमित व्यक्ति ‘बेसिक फायर कवर’ के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं की अतिरिक्त कवरेज को चुन सकता है।
यह पॉलिसी कुछ परिस्थितियों में बीमाधारक के घर के बाहर खोए गए व्यक्तिगत धन/महत्वपूर्ण दस्तावेजों और कार्डों की कवरेज के साथ आती है। पॉलिसी में खोए हुए पैसे वापस करने का प्रावधान है, साथ ही यह खोए हुए/क्षतिग्रस्त दस्तावेजों और शेयर और स्टॉक प्रमाणपत्र, जमा रसीदें, बीमा पॉलिसी, शीर्षक विलेख, पांडुलिपियां, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत रिकॉर्ड और प्रमाणपत्र जैसी वस्तुओं को फिर से प्राप्त करने में होने वाली लागत का भी भुगतान करती है।

इफ्को-टोकियो की गृह बीमा पॉलिसी की एक खास बात यहाँ व्यक्तिगत सामान को होने वाले नुकसान की भरपाई करती है, जो निवास को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के दौरान संभव है। इस प्रावधान के तहत आग, बिजली गिरने, पुलों के टूटने, सामान ले जा रहे वाहन के पलटने या पटरी से उतर जाने या दुर्घटना, और डकैती या लूटपाट जैसी घटनाओं के होने पर मुआवजा प्रदान किया जाता है।
आभूषण और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के खोने, ललित कलाओं को नुकसान, फिक्स्ड ग्लास और सैनिटरी फिटिंग, घरेलू उपकरणों के टूटने, पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, साइकिल, बीमित व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु या विकलांगता, और मृत्यु या विकलांगता के मामले में ऋण भुगतान सुरक्षा, व्यक्तिगत देयता इस बीमा पॉलिसी की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।
पॉलिसी भवन/घर को हुए नुकसान, मालिकों/मकान मालिक द्वारा दी गई सामग्री, बिजली के प्रतिष्ठानों, जमीन के ऊपर और नीचे के टैंकों, फिक्स्ड ग्लास/सैनिटरी फिटिंग और अन्य जुड़नार, फिटिंग और आंतरिक सजावट के साजोसामान के लिए गृह स्वामी के प्रति किरायेदार की देयता का भी ख्याल रखती है।
लॉन्च के इस अवसर पर इफ्को-टोकियो से सीधे पॉलिसी खरीदने पर कंपनी प्रीमियम पर सीमित समय सीमा के लिए 10% की छूट दे रही है।
“हम उम्मीद करते हैं कि कम्प्रेहैन्सिव होम प्रोटेक्टर कठिन परिस्थितियों में लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगा। हमने पॉलिसी में उन सभी संभावित जोखिमों को शामिल करने की कोशिश की है, जिनका लोग घर बदलते समय सामना कर सकते हैं। साथ ही हमने इसको कुछ इस तरह डिजाइन किया है कि ग्राहक संभावित जोखिमों को अपनी सुविधानुसार चुन सकता है, और उसके अनुसार केवल चुने हुए जोखिमों की कवरेज के लिए ही प्रीमियम दे सकता है। इस पॉलिसी के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पॉलिसीधारक केवल पॉलिसी न लेकर जाए, बल्कि मन की शांति भी साथ लेकर जाए,” सुश्री निहारिका सिंह ने कहा।

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