सीमित संसाधनों के बावजूद भारत कोविड-19 से बेहतर तरीके से निपटा: अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भारत सीमित संसाधनों के बावजूद कोविड-19 से दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर तरीके से निपटा। शाह ने यहां राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 17वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र देशभर के 350 जिलों में ‘आपदा मित्र’ परियोजना शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके तहत आम नागरिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे किसी भी आपदा की स्थिति में तेजी से कार्रवाई कर सकें। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों और 130 करोड़ की बड़ी आबादी के बावजूद भारत सभी देशों की तुलना में कोविड-19 से बेहतर तरीके से निपटा है।

गृह मंत्री ने कहा कि यदि कोई तटस्थ एजेंसी विश्लेषण करती है, तो वह इस निष्कर्ष पर पहुंचेगी कि देश ने वैश्विक महामारी से निपटने और मृत्यु दर को काफी हद तक कम करने की दिशा में बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने में कई देशों का पसीना छूट गया था। शाह ने वैश्विक महामारी के दौरान सराहनीय कार्य करने के लिए एनडीएमए की प्रशंसा की। उन्होंने वैश्विक महामारी के दौरान देश के कुछ हिस्सों में आए चक्रवात का जिक्र करते हुए कहा कि उत्कृष्ट योजना एवं तैयारियों के कारण एक भी ऑक्सीजन संयंत्र क्षतिग्रस्त नहीं हुआ और चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में ऑक्सीजन संयंत्रों एवं अस्पतालों में बिजली की आपूर्ति बाधित नहीं हुई।

शाह ने कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेहतरीन तैयारियां की हैं।’’ उन्होंने ‘आपदा मित्र’ योजना के बारे में बताया कि इस योजना का देश के 25 राज्यों के 30 जिलों में प्रायोगिक क्रियान्वयन सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लोगों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाएगा कि किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल कैसे कार्रवाई करनी है, मुश्किल में फंसे लोगों की मदद कैसे करनी है तथा उन्हें कैसे बचाना है।

शाह ने बताया कि परियोजना में शामिल लोगों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा और इस संबंध में 28 राज्यों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण है कि किसी भी आपदा के दौरान जान का कोई नुकसान नहीं हो और यह काफी हद तक सफल रहा है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में 1999 में आए भीषण चक्रवात में करीब 10,000 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन इस साल अब तक तीन चक्रवातों में 50 से कम लोगों की मौत हुई है। शाह ने कहा, ‘‘50 लोगों की मौत भी अच्छी बात नहीं है और हमारा लक्ष्य यह होना चाहिए कि आपदा में किसी व्यक्ति की मौत नहीं हो।’’ उन्होंने कहा कि यदि बिजली गिरने जैसी आपदाओं की पूर्व में जानकारी देने वाली कोई प्रणाली लागू होती है, तो बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है।

आपदा के दौरान स्वयंसेवकों को कार्रवाई करने का प्रशिक्षण देने की योजना ‘आपदा मित्र’ को एनडीएमए क्रियान्वित कर रहा है। इस योजना के तहत 25 राज्यों के उन चुनिंदा 30 जिलों में स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जहां बाढ़ आने का सर्वाधिक खतरा होता है।

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