मौसम क्यूं बदलते हैं जीवन के ?

कुमकुम झा

मौसम क्यूं बदलते हैं जीवन के
धरती के मौसम की तरह
जीवन के मौसम भी पल पल बदलते हैं
कभी बेमौसम बरसात
कभी सहमे से जज़्बात
कभी आंधियो के झंझावात
रोज ही चलती है
उबर खाबड़ जिंदगी का सफर
आते जाते मौसम सा रंग
कब बदलता है,पता ही नहीं चलता
गया वक्त हाथ नहीं आता
इसलिए गुजरी हवाओं की
भूली बिसरी यादें
कुछ गुजरने से पहलें ही पकड़ लो
क्यों कि गुजर जाने पर
रह जाएगा सिर्फ
गुजर जाने का दर्द।

कुमकुम झा

Leave a Reply

Your email address will not be published.