राज्य मंत्री प्रताप चंद सारंगी ने सूक्ष्म लघु और मझोले उद्योगों को विजेता प्रमाणपत्र प्रदान किए

नई दिल्ली। केंद्र सरकार में डेयरी, मत्स्य, पशुपालन और एमएसएमई विभाग के राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद सारंगी ने अपने-अपने क्षेत्र में नवीनता और स्थिर समाधान प्रदान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को विजेता प्रमाणपत्र से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन समेंटरप्रो सेल्स एंड मार्केटिंग कंसलटेंट्स, शो केस पार्टनर फॉक्सवैगन बेंगलुरु और प्रेजेंटिंग पार्टनर प्रोपीएमओ सर्विसेज ने किया।
केंद्र सरकार में डेयरी, मत्स्य, पशुपालन और एमएसएमई विभाग के  राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद सारंगी ने कहा,“एमएसएमई भारत में रोजगार के अवसर प्रदान करने वाला प्रमुख क्षेत्र है। हालांकि विश्व स्तर पर फैली महामारी के कारण इसे काफी नुकसान झेलना पड़ा। इस विनाशकारी स्थिति से उबरने के लिए हम अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से कई कदम उठा रहे हैं। इससे हमारे घरेलू ब्रैंड्स की समीक्षा होगी और वे लाइमलाइट में आएंगे। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हम हर क्षेत्र के पुनरुत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। इस समय हमारा सबसे ज्यादा ध्यान एमएसएमई पर है।हम इन सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को बिना किसी गारंटी के 3 लाख करोड़ का असुरक्षित लोन ऑफर कर करेंगे, जिनका वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़होगा या जिन पर 25 करोड़ का बकाया ऋण होगा। इसके अलावा 20 हजार करोड़ का लोन आर्थिक संकट से जूझ रहे एमएसएमई को दिया जाएगा। इससे व्यापारियों को अपने कामकाज को फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी। दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता कम होगीऔर सप्लाई चेन मजबूत बनेगी।“

उन्होंने कहा,“इसके अलावा गांव के हर घर के लिए 50 हजार रुपये महीने की आमदनी सुनिश्चित करने के लिए हम एकीकृत खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की आमदनी बढ़े पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम उन्हें समूह का गठन कर सोलर चरखा कोसंचालित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।“

केंद्र सरकार में डेयरी, मत्स्य, पशुपालन और एमएसएमई विभाग के माननीय राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद सारंगी ने कहा, “भारत कोआत्मनिर्भर देश बनाने के लिए “आत्मनिर्भर भारत” हमारे माननीय प्रधानमंत्री का विजन है। टाइम टु लीप अवॉर्ड इसी तर्ज पर की गई एक पहल है, जिससे हम इंडस्ट्रीज के प्रयासों को पहचान सकेंगे और उन्हें आत्मनिर्भर बना सकेंगे। मेरा मानना है कि आत्मनिर्भर भारत की मूल अवधारणा बापू के समय की है, जहां वह हमें बताते हैं कि हमें इस तरह से अपना कार्य करना चाहिए, जिससे देश और समाज के सबसे निर्धन व्यक्ति को उसका लाभ मिल सके। इस पुरस्कार के प्रमुख लक्ष्यों में से एक भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है और रिसाइक्लिंग की बेहतरसुविधाओं को लागू करना है। भारत का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान और हमारे गांव दीर्घकालीन अवधि में आत्मनिर्भर भारत की सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।“

सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग और स्टार्टअप सेक्टर भारतीय अर्थव्सवस्था की रीढ़ की हड्डी है। निजी संस्थाओं के लिए आगे बढ़कर इन क्षेत्रों को समर्थन देना बेहद महत्वपूर्ण है। निजी संस्थाएं उन्हें #टाइम टुलीप अवॉडर्सजैसे प्लेटफॉर्म प्रदान कर अपने नवीनतम, स्थिर और ग्लोबल मेक इन इंडिया कॉन्सेप्टस को दुनिया के सामने लाने का मौका दे सकती हैं।

इस प्लेटफॉर्म का लक्ष्य सभी भागीदारों को लो-कार्बन, स्थिर, ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने सभी भागीदारों को रोडमैप उपलब्ध कराना है और अखिल भारतीय स्तर पर एमएसएमई और स्टार्टअप को सशक्त बनाना है।

सेल्स और मार्केटिंग कंसलटेंट्स विभाग की डायरेक्टर मिस नितिका शाही ने कहा, “कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण बहुत से सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्योगों का कारोबार अस्थायी रूप से बंद हो गया।हमारी संस्था एमएसएमई को लो कॉस्ट सेल और मार्केटिंग के सोल्यूशन उपलब्ध कराती है। इसके तहत एमएसएमई को एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया जाता है, जिस पर वह अपने मेक इन इंडिया कॉनसेप्ट के तहत बनाए गए प्रॉडक्ट्स का प्रदर्शन कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाशाली कारोबारियों, प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज को पहनाने और उन्हें प्रोत्साहित करने की एक पहल है।“

यह वर्चुअल अवॉर्ड शो अखिल भातरीय स्तर पर आयोजित किया गया था। इसमें विभिन्न क्षेत्रों, जैसे मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और शिक्षा आदि के क्षेत्र में काम कर रहे विभिन्न एमएसएमई और स्टार्टअप एक ही प्लेटफॉर्म पर इकट्ठे हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.