मारा गया कुख्यात अपराधी विकास दुबे

कानपुर। कुख्यात अपराधी एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलटने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया।

पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि सड़क हादसे के बाद दुबे ने मौके से भागने का प्रयास किया, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में वह मारा गया। वहीं, पुलिस वाहन पलटने से पुलिस निरीक्षक सहित चार पुलिसकर्मी घायल भी हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि सड़क दुर्घटना सुबह हई। उन्होंने कहा ‘‘ तेज बारिश हो रही थी। पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गयी और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गये। उसी मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिस के एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया। ’’

कुमार ने कहा, ‘‘ तभी पीछे से एस्कार्ट कर रहे एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की और उसी दौरान उसने एसटीएफ पर गोली चला दी जिसके जवाब में जवानों ने भी गोली चलाई और वह घायल होकर गिर पड़ा। हमारे जवान उसे अस्पताल लेकर गये जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।’’ इस बीच, पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि सड़क दुर्घटना कानपुर के भौती इलाके में हुयी ।

कानपुर परिक्षेत्र के एडीजी जे. एन. सिंह ने कहा, ‘‘ मुठभेड़ में दुबे घायल हो गया था और अस्पताल में उसे मृत घोषित किया गया।’’ सिंह ने कहा कि विस्तृत जानकारी के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट को इंतजार है। वहीं, अग्रवाल ने बताया कि गाड़ी पलटने से घायल पुलिस कर्मियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र कल्याणपुर में भर्ती कराया गया है।उन्होंने बताया कि गाड़ी पलटने से विकास दुबे के साथ वाहन में सवार नवाबगंज के पुलिस निरीक्षक रमाकांत पचूरी और कॉन्स्टेबल पंकज सिंह, अनूप कुमार तथा प्रदीप घायल हो गये। मौके का फायदा उठाकर दुबे पचूरी की पिस्तौल छीनकर भाग गया, लेकिन मुठभेड़ में घायल हो गया और फिर अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। अग्रवाल ने बताया कि घायल हुए पुलिस कर्मियों में से एक की हालत गंभीर है और उसे हैलट अस्पताल भेजा जा रहा है। विकास दुबे को बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफतार किया गया था ।

गौरतलब है कि दो तीन जुलाई की दरमियानी रात कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर दुबे और उसके साथियों ने गोलियां बरसाई थीं, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसके बाद से पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ में दुबे के गिरोह के पांच सदस्य मारे गये हैं। तीन जुलाई की सुबह ही बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गये। आठ जुलाई को हमीरपुर के मौदहा में पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश और विकास के खास अमर दुबे को मार गिराया था। वहीं नौ जुलाई को कानपुर मुठभेड़ में कार्तिकेय उर्फ प्रभात जबकि इटावा मुठभेड़ में प्रवीण उर्फ बउवा दुबे मारा गया।

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