स्टेप-ऐप तथा जनजातीय विकास विभाग, भारत सरकार के बीच साझेदारी

मुंबई। स्टेप-ऐप (स्टूडेंट टैलेंट एन्हैन्स्मेन्ट प्रोग्राम एप्लीकेशन) को जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से देश के सभी राज्यों के सभी आदिवासी स्कूलों में इस गेमिफाइड लर्निंग ऐप को लागू करने के लिए आदेश-पत्र प्राप्त हुआ है, जो निश्चित तौर पर एक बड़ी उपलब्धि है।
पहली बार ऐसा हुआ है, जब भारत सरकार के किसी विभाग ने एक मुद्रीकृत परियोजना के लिए भारतीय एडु-टेक स्टार्टअप के साथ समझौता किया है।
इस पहल से देश भर में पहली से बारहवीं कक्षा के 1.5 लाख से अधिक छात्रों को तुरंत फायदा मिलेगा, साथ ही आने वाले वर्षों में इसके दायरे का और विस्तार होगा। इस साझेदारी के माध्यम से, स्टेप-ऐप स्कूल की परीक्षाओं के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं में भी छात्रों के प्रदर्शन को बेहतर बनाएगा। यह एप्लीकेशन आपने डैशबोर्ड के जरिए स्कूलों को छात्रों के ‘शिक्षण परिणामों’ का आकलन करने में सक्षम बनाएगा। इस एप्लीकेशन पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री अंग्रेजी भाषा में होगी।
स्टेप-ऐप पढ़ाई को खेल-कूद जैसा आसान बनाने एक शानदार ऐप है, जो स्कूली छात्रों के लिए गणित एवं विज्ञान विषयों को बेहद मज़ेदार और दिलचस्प बनाता है और छात्र खेल-खेल में इन विषयों के कॉन्सेप्ट अच्छी तरह समझ जाते हैं। इसमें छात्रों की जांच-परीक्षा की बेहद सरल पद्धति, आसान तरीके से शिक्षण परिणामों का मूल्यांकन, अपनी गति से सीखने को प्रोत्साहन, 400 से ज्यादा आईआईटी के विशेषज्ञों एवं डॉक्टरों द्वारा तैयार की गई अध्ययन सामग्री, तथा पुरस्कार एवं सम्मान सहित कई तरह की सुविधाएँ मौजूद हैं।
स्टेप-ऐप का उद्देश्य देश के हर बच्चे के सपनों के लिए स्प्रिंगबोर्ड बनना है और टेक्नोलॉजी एवं गेमिफ़िकेशन का इस्तेमाल करते हुए देश के हर बच्चे को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है, और इस प्रकार मेधावी बच्चों का एक ऐसा समूह तैयार होगा जो हमारे देश की संपत्ति होगी।
31 अगस्त, 2020 तक देश के 21 राज्यों (गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, केरल, उत्तराखंड, मणिपुर, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, मिज़ोरम और कर्नाटक) के 242 स्कूलों में स्टेप-ऐप को लागू किया गया है, जिसमें पंजीकृत छात्रों की संख्या 35,167 है।
इस अवसर पर श्री प्रवीण त्यागी, प्रबंध निदेशक, पेस-आईआईटी, तथा सीईओ एवं संस्थापक, एडु-इज़-फ़न टेक्नोलॉजीज़ (स्टेप-ऐप) ने कहा, “सही मायने में यह भारत सरकार और आदिवासी शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई एक बड़ी पहल है। महामारी के इस दौर में शिक्षा को सबसे ज्यादा अहमियत दी जानी चाहिए और इस दिशा में सही कदम उठाए गए हैं। मेरे लिए यह बड़ी खुशी की बात है कि, हम इन आदिवासी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण समाधान उपलब्ध कराने के लिए EMRS स्कूलों और शिक्षकों को सशक्त बनाने में सक्षम हैं, तथा हम गुणवत्ता शिक्षा के माध्यम से उनके सशक्तिकरण के उद्देश्य की दिशा में काम कर रहे हैं। मुझे इस बात का गर्व है कि, हमने संकट की इस घड़ी में राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है।”
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार: “स्टेप-ऐप छात्रों को गणित और विज्ञान विषयों के कॉन्सेप्ट को खेल-खेल में सिखाने के लिए शुरू की गई एक शानदार पहल है, और इस तरह वे बेहद मज़ेदार एवं रोचक तरीके से विभिन्न विषयों के कॉन्सेप्ट को सीख सकते हैं। मंत्रालय की ओर से भी हमारा काम भी छात्रों को उच्च-गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है, और स्टेप-ऐप ऐसी ही पहलों में से एक है जिसके जरिए छात्रों के लिए पढ़ाई-लिखाई को बेहद आसान और फायदेमंद बनाने में मदद मिलेगी।”

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