फि‍लिप्‍स लाइटिंग ने राजस्‍थान में बेयरफुट कॉलेज को किया रोशन

नई दिल्ली। फि‍लिप्‍स लाइटिंग (यूरोनेक्‍स्‍टः लाइट) ने राजस्‍थान में बेयरफुट कॉलेज के तिलोनिया कैम्‍पस को 116 किलोवाट सोलर सिस्‍टम से जोड़ने की घोषणा की है, इससे अब कॉलेज की विश्‍वसनीय ऑफ-ग्रिड ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित होगी। फि‍लिप्‍स फाउंडेशन से प्राप्‍त वित्‍तीय मदद से 30 साल पुराने बेकार हो चुके सोलर उपकरणों को बदला गया और ऐतिहासि‍क कैम्‍पस के किलोवाट को हिस्‍सों में तीन गुना से अधिक किया गया, जो ग्रामीण महिलाओं को अपनी आजीविका अर्जित करने के लिए सशक्‍त बनाता है।
एक ऐसी दुनिया में जहां 1.06 अरब लोगों की पहुंच विश्‍वसनीय ऊर्जा तक नहीं है, वहां बहुत से लोगों के लिए बिजली का प्रकाश एक दूर का सपना है। पूरी दुनिया में प्रत्‍येक सात में से एक व्‍यक्ति सूरज डूबने के बाद काम करने, पढ़ने या दूसरे की मदद करने के लिए संघर्ष करता है। फि‍लिप्‍स लाइटिंग इस असंतुलन को खत्‍म करने के लिए प्रतिबद्ध है और उज्‍ज्वल जीवन और एक बेहतर दुनिया के लिए प्रकाश की असाधारण क्षमता का उपयोग करने का एक दृष्टिकोण भी है। प्रौद्योगिकी, विशेषज्ञता और संसाधनों को लागू करने के द्वारा, हम प्रकाश तक पहुंच प्रदान करते हैं, हमारे पर्यावरण की सुरक्षा में ऊर्जा दक्षता के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं और मानवतावादी हस्तक्षेप का समर्थन करते हैं।
राजस्‍थान, भारत में बेयरफुट कॉलेज का तिलोनिया कैम्‍पस तकरीबन 50 साल पहले हुई अपनी शुरुआत से ही स्‍थानीय ज्ञान और उपयुक्‍त प्रौद्योगिकियों के संयोजन के जरिये ग्रामीण गरीबों के जीवन को सुधार रहा है। दुनिया के 100 अलग-अलग देशों से महिलाएं बेयरफुट कॉलेज में सौर इंजीनियर बनने के लिए प्रशिक्षण हासिल करने के लिए आती हैं और वापस लौटकर अपने गांवों को बिजलीयुक्‍त बनाती हैं।
बेयरफुट कॉलेज के “पुराने कैम्‍पस” में लगाए गए नए सोलर पैनल इसके दो महत्‍वपूर्ण कार्यक्रमों, एनरिच और अमृतचूर्ण जो यहां चलाए जाते हैं, को काम और प्रशिक्षण क्षमता को बढ़ाने की अनुमति देता है। इस परियोजना के लिए, फि‍लिप्‍स फाउंडेशन ने ऑर्ब एनर्जी, जो भारत में एक प्रमुख रूफटॉप सोलर सिस्‍टम प्रदाता है, के साथ मिलकर पूरे बेयरफुट कैम्‍पस में फुल बैटरी बैकअप के साथ 116 किलोवाट सिस्‍टम को स्‍थापित किया है। यह अब सोलर ऑफि‍स ब्‍लॉक, सोलर वर्कशॉप, सोलर मामा निवास और सामुदायिक रसोई को रोशनी प्रदान करता है।
फि‍लिप्‍स लाइटिंग फाउंडेशन की चेयरमैन डा. शालिनी सरीन ने कहा, “फि‍लिप्‍स लाइटिंग में, हमारी महत्‍वाकांक्षा समुदायों को विश्‍वसनीय और स्‍वच्‍छ ऊर्जा तक पहुंच प्रदान करने के जरिये उनको आजीविका के लिए सक्षम बनाना है। हम बेयरफुट कॉलेज के तिलोनिया कैम्‍पस को ऊर्जा उपलब्‍ध कराकर बहुत प्रसन्‍न हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि हम इन अद्भुत महिला उद्यमियों के जीवन में बदलाव लेकर आएंगे।”
बेयरफुट कॉलेज इंटरनेशनल के सीईओ मेगान फैलोन ने कहा, “एक संगठन के रूप में हम जो भी करते हैं उसके लिए प्रकाश और ऊर्जा महत्‍वपूर्ण हैं।” “हम बढ़ रहे हैं और अपनी सेवाओं का विस्‍तार पूरे दक्षिण में कर रहे हैं, अत्‍यधिक गरीबी से बाहर निकलने के लिए महिलाओं को सशक्‍त बनाने के लिए काम कर रहे हैं, यहां कॉलेज में हमारी प्रशिक्षण देने की क्षमता महत्‍वपूर्ण है। इस साझेदारी ने हमारी क्षमता को और बढ़ाया है और भविष्य के लिए आशा के साथ दुनिया भर के लोगों तक पहुंचने वाले प्रभाव की एक लहर को शुरू किया है। हर जगह की महिलाओं और पूरे बेयरफुट परिवार की ओर से मैं धन्‍यवाद कहता हूं।”
ऑर्ब एनर्जी के सीईओ डैमियन मिलर ने कहा, “बैटरी बैकअप के साथ 116 किलोवाट सोलर सिस्‍टम के लिए बेयरफुट कॉलेज और फि‍लिप्‍स लाइटिंग दोनों द्वारा ऑर्ब एनर्जी का चयन करने पर हमें गर्व है, जिसने सफलतापूर्वक बेयरफुट कॉलेज को ऑफ-ग्रिड बना दिया है।” “जैसे कि बैटरी की कीमत लगातर गिर रही है, हमारा मानना है कि यह सोलर एनर्जी सिस्‍टम भारत में सोलर के भविष्‍य का प्रतिनिधित्‍व करता है, यह न केवल ग्राहकों को सोलर के साथ उनकी ग्रिड बिजली लागत को कम करने में सक्षम बनाता है बल्कि डीजल जनरेटर सेट की आवश्‍यकता को भी खत्‍म करता है।” अमृतचूर्ण ग्रामीण महिलाओं द्वारा शुरू किया गया उद्यम है, जो एनीमिया (रक्‍तहीनता) से लड़ने के लिए एक स्‍वदेशी उत्‍पाद का निर्माण, पैकिंग और बिक्री करता है। महिलाएं जो इस उत्‍पाद को बनाती हैं, वह विभिन्‍न सामग्रियों को पीसने और उन्‍हें एक विशिष्‍ट अनुपात में मिलाने का काम करती हैं, बिजली की कमी के कारण यह प्रक्रिया पहले बहुत धीमी थी। एनरिच महिलाओं के लिए एक व्‍यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो उन्‍हें माइक्रोफाइनेंस से लेकर प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य तक के विस्‍तृत कौशल श्रृंखला का प्रशिक्षण देता है। यह महिलाएं अपने गांव वापस लौटकर दूसरों को कार्यक्रम का प्रशिक्षण देने वाली प्रशिक्षक बन जाती हैं।

 

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