कहीं होली के रंग आपकी आंखों को न नुकसान पहुंचा दें

नई दिल्ली : मार्च का महीना आते ही रंगों के त्योहार होली का बड़ी ही उत्सुकता से इंतजार होने लगता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको इस त्योहार का इंतजार रहता हैं। होली एक ऐसा त्योहार है जो कि हर वर्ग और जाति के लोगों को अच्छा लगता है। लेकिन हम सब यह भूल जाते हैं कि जो रंग देखने में इतने खूबसूरत लगते हैं, वो दरअसल हमारी आंखों और स्किन के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं चूंकि बाजार में मिलने वाले सिंथेटक रंग रसायनों से बनते हैं और ये पाउडर, पेस्ट और पानी वाले रंग के रूप में उपलब्ध होते हैं। जिन्हें बनाने के लिए सीसा जैसे धातुओं का प्रयोग किया जाता है। ऐसे रंगों से स्किन ऐलर्जी, डर्मटाइटिस, स्किन का फटना, स्किन कैंसर, अस्थमा और न्यूमोनिया आदि की परेशानियां उत्पन्न हो सकती है. नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइट निदेशक के डा.महिपाल एस सचदेव का कहना है कि होली के दौरान हमारे शरीर के जिन अंगों को नुकसान पहुंच सकता है उनमें हमारी आंखें सबसे ज्यादा संवेदनशील होती हैं। गीले रंग पानी में आसानी से घुल जाते हैं और आंखों में समा जाते हैं। सिंथेटिक कलर में रासायनिक तत्व होते हैं जो आंखों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होते हैं। रंगों में मरकरी सल्फाइट, लेड ऑक्साइड तथा कॉपर सल्फेट जैसे रसायन होते हैं, जो आंखों के लिए नुकसानदेह होते हैं। इन रसायनों के संपर्क में आने से हमारी आंखों में एलर्जी, कुछ समय के लिए दृष्टिहीनता और कंजंक्टिवाइटिस (आंखें गुलाबी हो जाना), फॉरेन बॉडी सेंसेशन, ब्लरिंग या आंखों में खुजलाहट, पलकों पर सूजन आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

डा.महिपाल एस सचदेव का कहना है कि इससे कॉर्नियल अल्सर जैसी समस्या भी हो सकती है, जिससे आंखों की आंशिक रूप से रोशनी चली जाती है। कॉर्निया पर ग्रे पैच नजर आने लगता है और दृष्टि बाधित हो जाती है। यह एक गंभीर चिकित्सा समस्या है और इसलिए इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। इलाज में देरी से आंखों की रोशनी पूरी तरह खत्म हो सकती है। सिर्फ  होली के रंगों से ही नहीं, बल्कि स्प्रे या मेस के कारण भी आंशिक दृष्टिहीनता की समस्या बन सकती है।

 आंखों की रोशनी सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें: 
आंखें ढंककर रखें- जब कभी रंगों के संपर्क में आने की संभावना बने, अपनी आंखों को ढंककर रखें। इसमें सनग्लास या प्रोटेक्टिव ग्लास भी उपयोगी हो सकता है।
आंखें बंद कर लें- हाथों से रंग लगाने वाले लोगों से बचने की कोशिश करें। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो विशेष तौर पर अपनी आंखें और होठों को जोर से बंद कर लें। सभी लोगों से अनुरोध करें कि आंखों के आसपास रंग न लगाएं।
जब कार से सफर पर निकलें- यदि आप कार से सफर कर रहे हैं तो शीशे बंद करके रखें। पानी के गुब्बारे, पत्थर, रेत या ग्लास मिक्स कलर, कीचड़, खतरनाक कलर इस रास्ते फेंके जा सकते हैं। ये सभी चीजें आपकी आंखों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं क्योंकि ये आईबॉल को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं या रेटिनल डिटैचमेंट/ विट्रस हेमरेज की स्थिति भी पैदा कर सकती हैं जिससे स्थायी दृष्टिहीनता आ सकती है।
कांटैक्ट लेंस पहनने वालों के लिए- डा.महिपाल एस सचदेव का कहना है कि होली के दौरान यदि आंखें एनलिन (कोलतार) डाई के संपर्क में आती हैं तो आंखों में बहुत तेज खुजलाहट होने लगती है। डाई के संपर्क में आने से सबसे ज्यादा नुकसान कांटैक्ट लेंस लगाने वालों को होता है। इससे कांटैक्ट लेंस तत्काल निकल जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.